शराबबंदी मामले में प्रधान गया जेल, गांव में प्रधान के बिना रुकी हुई है शादी, बराती ने डाला डेरा

एक तरफ कानून तो दूसरी तरफ आदिवासी समाज की कथित मान्यता के बीच उलझ कर एक आदिवासी युवती की शादी रुक जाने का मामला सामने आया है. मामले को लेकर बांका जिले के थाना क्षेत्र के लौंगाय पंचायत के कुशाहा गांव निवासी दिनेश मुर्मू पिता रसिकलाल मुर्मू ने डीएम, एसपी, स्थानीय बीडीओ व थाना को आवेदन देकर अपनी बहन की शादी करवाने की मांग की है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 7, 2021 5:33 PM

d by: Utpal Kantएक तरफ कानून तो दूसरी तरफ आदिवासी समाज की कथित मान्यता के बीच उलझ कर एक आदिवासी युवती की शादी रुक जाने का मामला सामने आया है. मामले को लेकर बांका जिले के थाना क्षेत्र के लौंगाय पंचायत के कुशाहा गांव निवासी दिनेश मुर्मू पिता रसिकलाल मुर्मू ने डीएम, एसपी, स्थानीय बीडीओ व थाना को आवेदन देकर अपनी बहन की शादी करवाने की मांग की है.

आदिवासी समाज के महिला व पुरुषों के द्वारा मंगलवार को प्रखंड कार्यालय पहुंच कर मामले की शिकायत बीडीओ अभिनव भारती से की. वहीं, पूर्व एमएलसी संजय कुमार से भी मिल कर इस मामले में सहयोग का अनुरोध किया गया है.

क्या है मामला

दिनेश मूर्मू की बहन बासमती मुर्मू की शादी बौंसी थाना क्षेत्र के शोभा गांव निवासी अरविंद मरांडी के साथ तय हुई है. पांच अप्रैल को निर्धारित तिथि पर बरात गांव भी आयी. आदिवासी परंपरा के अनुसार, गांव के प्रधान गोपाल सोरेन द्वारा ही शादी विवाह के सारे रस्म पूरा किया जाना था. इसी दौरान वहां पुलिस आ पहुंची और घर से शराब मिलने के आरोप में गांव के प्रधान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. बिना प्रधान के रहते आदिवासी समुदाय में शादी कार्य नहीं होता है.

आदिवासी परंपरा के अनुसार देवी-देवताओं को चढ़ावा में शराब चढ़ाया जाता है. इसके लिए लगभग दो लीटर शराब घर में रखा था. लेकिन पुलिस के अनुसार, 13 लीटर शराब बरामद हुआ. कहा जा रहा है कि प्रधान आने के बाद ही शादी होगी. फिलवक्त दुल्हे के साथ बराती गांव में डेरा डाले हुए हैं. कथित परंपरा के अनुसार, शादी के बाद ही दूल्हा अपनी दुल्हन को लेकर गांव में प्रवेश कर सकते है. या फिर युवती को विधवा घोषित करना होगा. शादी रुक जाने से लड़की के पिता भी बेचैन हैं.

कानून के तहत कार्रवाई : प्रभारी एसपी

प्रभारी एसपी संजय कुमार ने बताया है कि शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन किया जा रहा है. शराबबंदी एक्ट में किसी जाति विशेष के लिए अलग से कोई प्रावधान नहीं है. कानून सबके लिए बराबर है. शादी होने व रुकने का मामला उनका निजी मामला है. कानून के तहत पुलिस अपना काम कर रही है.

मनमानी कर रही पुलिस : पूर्व एमएलसी

पूर्व एमएलसी संजय कुमार ने कहा कि धार्मिक परंपरा के साथ खिलवाड़ करना पुलिस की मनमानी है. बेटी की शादी रुक गयी, जो काफी दु:खद है. थानाध्यक्ष मनमानी पर उतरे हुए हैं. आदिवासी समाज अपनी धार्मिक परंपराओं को निभाते हैं.इसके अंतर्गत देवी-देवताओं को भोग के स्वरूप दारू चढ़ाते हैं.

डीएम को कराया अवगत

बीडीओ अभिनव भारती ने कहा कि पीड़ित का आवेदन प्राप्त हुआ है. मामले की जानकारी डीएम को दी गयी है. चूंकि मामला न्यायालय के अधीन है. ऐसे में किसी भी तरह का हस्तक्षेप असंभव है.

Also Read: VIDEO: कहासुनी का वीडियो बना रही थी, तभी चली गोली और आने लगी बाप रे बाप की आवाज, RJD ने कहा- यह महाजंगलराज!

Posted by; Utpal Kant

Next Article

Exit mobile version