मध्यप्रदेश की सात लड़कियां शिकारगंज से मुक्त,तीन धराये, नेपाल भेजने की तैयारी में थे संचालक
शिकारगंज के रूपहारा में नजरबंद कर रखी गयी मध्य प्रदेश की सात लड़कियों को पुलिस ने सकुशल मुक्त करा लिया. लड़कियों को आर्केस्ट्रा में काम कराने के लिए बहला कर लाया गया था, लेकिन उन्हें नेपाल भेजने की तैयारी की जा रही थी.
मोतिहारी. शिकारगंज के रूपहारा में नजरबंद कर रखी गयी मध्य प्रदेश की सात लड़कियों को पुलिस ने सकुशल मुक्त करा लिया. लड़कियों को आर्केस्ट्रा में काम कराने के लिए बहला कर लाया गया था, लेकिन उन्हें नेपाल भेजने की तैयारी की जा रही थी.
हमलोगों को नेपाल भेजने के फिराक में लगे हैं
इस बीच भनक लगते ही एक लड़की ने महिला हेल्प लाइन के साथ-साथ पुलिस कप्तान डाॅ कुमार आशीष को फोन लगाया. कहा , सर बचा लीजिए. ये लोग हमलोगों को नेपाल भेजने के फिराक में लगे हैं. एसपी ने शिकारगंज पुलिस को लड़कियों को मुक्त कराने का निर्देश दिया.
सातों लड़कियों को सकुशल मुक्त करा लिया
साथ ही टेक्नीकल सेल को भी सहयोग के लिए शिकारगंज भेजा. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सातों लड़कियों को सकुशल मुक्त करा लिया. वहीं तीन आरोपियों को भी हिरासत में लिया है. उसने पूछताछ की जा रही है. एसपी ने बताया कि मुक्त करायी गयी लड़कियां मध्यप्रदेश के जबलपुर की हैं. उनके परिजनों को सूचना दे दी गयी है. परिजनों के आने के बाद लड़कियों को उनके हवाले कर दिया जायेगा.
विधि-व्यवस्था के एडीजी, की समीक्षा
बहादुरपुर. जिले में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए राज्य सरकार के निर्देश पर एडीजी विधि-व्यवस्था संजय कुमार सिंह ने गुरुवार को बहादुरपुर थाना का निरीक्षण किया. साथ ही, एसएसपी अवकाश कुमार, एसडीपीओ कृष्ण नंदन मिश्र समेत थानाध्यक्ष रवींद्र प्रसाद साथ समीक्षात्मक बैठक की. इस दौरान उन्होंने कई दिशा-निर्देश दिये. एडीजी ने गंभीर अपराध, शराब, भूमि विवाद, वारंटियो की गिरफ्तारी, थाना भवन का निरीक्षण, तीनों समय गश्ती सहित अन्य मुद्दों पर समीक्षा करते हुए इसमें सुधार लाने का निर्देश बहादुरपुर थानाध्यक्ष को दिया.
निरीक्षण करने को लेकर सरकार गंभीर
एडीजी ने बताया कि जिन-जिन थाना क्षेत्र में अधिक अपराधी घटना घट रही है, उन थाना का निरीक्षण करने को लेकर सरकार गंभीर है. उन्होंने बताया कि जिला पुलिस पदाधिकारी व मुख्यालय में बैठे अधिकारी से बेहतर समन्य से प्रदेश में आपराधिक घटनाओं पर पूर्ण रूप से रोक लगेगी. उन्होंने बताया कि आए दिन भूमि विवाद का मामला विशेष तौर पर सामने आ रहे हैं. इसे सुलझाने के लिए प्रत्येक शनिवार को थानाध्यक्ष व सीओ द्वारा मामले की सुनवाई की जा रही है. इसके अलावा 15 दिनों पर एसडीपीओ व एसडीओ के द्वारा भी भूमि विवाद से संबंधित मामलों की सुनवाई की प्रक्रिया चल रही है.