Bihar News: पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार साइबर शातिर के मामले की पुलिसिया जांच में कई चौंकाने वाले राज सामने आये हैं. मिली जानकारी से पता चला कि सरगना शिवशंकर उर्फ शंभूनाथ साइबर फ्रॉड के लिए लड़कियों को बहाल करता था, जिसका काम सिर्फ इतना था कि आप दिये गये नंबरों पर कॉल कर उसे ठगे. इसके लिए बाकायदा लड़कियों को ट्रेनिंग दी जाती थी. फ्रॉड कॉलिंग के लिए लड़कियों को सरगना अच्छी खासी रकम देता था.
थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि इस मामले की जांच की जा रही है. मालूम हो कुछ दिनों पहले भी साइबर ठगी के पैसे की निकासी करते हुए एक शातिर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके पास से 18 डेबिट कार्ड बरामद हुआ था. वहीं, शुक्रवार को भी पत्रकार नगर थाना क्षेत्र से साइबर फ्रॉड मुन्ना कुमार को गिरफ्तार किया गया था, जिसके पास से 60 एटीएम, 1.5 लाख कैश व अन्य सामान बरामद किये गये थे. फरार शातिर शिवशंकर का भतीजा, शशिकांत व पटेल की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है.
बैंककर्मी बताता था कि खाते में कितनी रकम है
पुलिस की जांच में पता चला कि इस पूरे गैंग को नंबर किसी बैंककर्मी से मिलता था. वही बैंककर्मी गिरोह के सरगना को बताता था कि किस व्यक्ति के खाते में कितनी रकम है और कितने का रोजाना ट्रांजेक्शन होता है. थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि गिरोह का पूरा नेटवर्क चार लेयर में चलाया जा रहा है. सबसे पहले एक बैंककर्मी जो डिटेल देता था, दूसरा वे लड़कियां जो फ्रॉड कॉल से ठगी करती थीं, तीसरा ठगी के बाद तुरंत पैसा निकासी करने वाला और चौथा लेयर में सरगना के अकाउंट में पैसा जाता था.
पटना में बना रखा है साइबर ठगी का हेड ब्रांच
दरअसल इस गिरोह का सरगना शिवशंकर उर्फ शंभूनाथ ने पटना में साइबर ठगी का हेड ब्रांच बना रखा है. इसके अलावे इस गिरोह का नेटवर्क इतना बड़ा है कि इसके सदस्य दूसरे राज्यों में भी काम कर रहे हैं. उन सभी को इसके लिए कमीशन दिया जाता है. सूत्रों ने बताया कि जिस मकान के बारे में पुलिस को पता चला है उसी मकान में सरगना अपना ऑफिस का पूरा सेटअप तैयार करने वाला था. ठगी के पैसे से हेड ब्रांच का ऑफिस बनाया जा रहा था.
खाताधारक के मूवमेंट की भी खबर होती थी सरगना को
पुलिस को तब आश्चर्य हुआ कि जब जांच में पता चला कि खाताधारक के अकाउंट की हर गतिविधि के बारे में उसे पता रहता था. अगर कोई खाताधारक एजेंसी लेने वाला है और उसने उसके लिए पैसा ट्रांसफर किया है, तो उसी के नाम पर लड़कियां खाताधारक को फोन कर ठगती थीं. इसके अलावा अन्य सरकारी योजनाओं का भी प्रलोभन दिया जाता था, जिससे खाताधारक जाल में फंस जाते थे.
Posted by: Radheshyam Kushwaha