फर्जी नाम-पते व आधार कार्ड कार्ड पर सिम कार्ड जारी करने वाले 250 से अधिक रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर पर शिकंजा कसा जायेगा. डीजीपी के आगमन से पूर्व एसएसपी जयंतकांत ने नगर थाने में दर्ज दो एफआइआर समेत फर्जी सिम कार्ड से जुड़े कांडों की समीक्षा की थी. इस दौरान एफआइआर के दो माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी एक भी रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की थी. अब एसएसपी के निर्देश पर नगर थाने की पुलिस एफआइआर में दिये गये सिम डिस्ट्रीब्यूटर व रिटेलर के नाम-पते के सत्यापन में जुट गयी है. अहियापुर, सदर, नगर और मिठनपुरा थाना क्षेत्र के दो दर्जन से अधिक सिम डिस्ट्रीब्यूटर व रिटेलर के यहां जाकर पुलिस टीम ने छानबीन भी की है. नगर पुलिस कहना है कि जल्द ही इस मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी होगी.
पुलिस के रिकॉर्ड के अनुसार, 17 मई को बिहार एसटीएफ की जांच के बाद मुजफ्फरपुर में फर्जी आधार कार्ड पर सिम कार्ड जारी करने वाले 208 रिटेलर और डिस्ट्रीब्यूटर पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. एसटीएफ की जांच में पता चला है कि ये मोबाइल सिम नक्सलियों, शराब धंधेबाज और अलग-अलग गिरोहों के अपराधी इस्तेमाल कर रहे हैं. फिरौती, रंगदारी व साइबर अपराध में भी इन सिम का इस्तेमाल हो रहा है. जांच के दौरान पता चला था सीवान जिले के एक कम्यूनिकेशन सेंटर ने मुजफ्फरपुर के फर्जी पते पर 53 से अधिक सिम कार्ड जारी किये थे.
इधर, नगर थाने में दूसरी एफआइआर गोपालगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा और भागलपुर के पुलिस कार्यालय के आदेश पर की गयी. इसमें चार सिम डिस्ट्रीब्यूटर व रिटेलर को आरोपित बनाया गया था. नगर थानेदार अनिल कुमार के बयान पर दर्ज एफआइआर में कहा गया था कि फर्जी नाम-पते पर जारी सिम कार्ड से आपराधिक वारदात और शराब सिंडिकेट में इस्तेमाल हो रहा है.