नटवार बाजार स्थित दुर्गा स्थान पर बहुत पहले छोटे रूप में पूजा की जाती थी. बाद में उसी जगह मंदिर निर्माण कर लोगों द्वारा शारदीय नवरात्र में धूमधाम से दुर्गापूजा प्रारंभ की गयी. नटवार बाजार का दशहरा मेला काफी प्राचीन है. जहां क्षेत्र के अगल बगल सहित कई प्रखंडों से लोग मेला देखने पहुंचते हैं. पूजा में नटवार बाजार के सभी जाति-धर्म के लोग बढ़ चढ़कर शामिल होते हैं. यहां इस साल दुर्गा पूजा समिति की देखरेख में अयोध्या के राम मंदिर की आकृति के तर्ज पर दुर्गा पूजा पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है.
58 फीट ऊंचा और 65 फीट लंबा होगा पूजा पंडाल
पूजा पंडाल 58 फीट ऊंचा और 65 फीट लंबा होगा. इसमें दो भव्य प्रवेश द्वार एवं दो निकास द्वार बनाये जायेंगे. इससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में कोई परेशानी नहीं झेलनी पड़े. पूजा पंडाल का निर्माण बिरजू मिस्त्री एवं सरोज मिस्त्री सहित अन्य कारीगरों के द्वारा किया जा रहा है.
1960 से सज रहा मां का दरबार
75 वर्षीय पारस पांडेय ने बताया कि लगभग 1960 में केदार गुप्ता द्वारा सर्वप्रथम दुर्गापूजा करायी गयी थी. तब लाइट-बत्ती की कोई व्यवस्था नहीं थी. इसका वृहद रूप 10 वर्षों के बाद ले लिया. तभी से काली स्थान पर मां दुर्गा की पूजा हो रही है. नटवार बाजार में बक्सर कैनाल से बाजार समिति गेट तक भव्य सजावट का निर्णय लिया गया है. पूजा कमेटी के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बताया कि कलश स्थापना के साथ ही जलभरी और विसर्जन के दिन रावण वध क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है. कमेटी द्वारा लंगर का भी व्यवस्था की जायेगी. पूजा पंडाल में सीसीटीवी, अग्नि शमन, मेडिकल टीम एवं अन्य आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध रहेंगे जहां आवश्यकता पड़ने पर श्रद्धालुओं का देखभाल किया जायेगा.