ग्लोबल इन्वेस्टर समिट: रूसी पहनेंगे बिहार का बना जूता, हाजीपुर की कंपनी से हुआ करार

हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में जूता निर्माण से जुड़ी कांपीटेंस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के ज्ञान भवन ऑटोडोरियम में लगे स्टॉल पर इन लोगों ने रूस के लिए जूता आयात करने की चर्चा की. कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर करीब चार लाख डॉलर के जूतों की मांग की है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 14, 2023 10:12 PM

पटना. भारत के मित्र देश रूस के लोग बिहार में बने जूते पहन सकेंगे. रसियन एक्सपोर्ट कंपनियों का एक प्रतिनिधि मंडल बायर के रूप में पटना में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में पहुंचा. हाजीपुर औद्योगिक क्षेत्र में जूता निर्माण से जुड़ी कांपीटेंस एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के ज्ञान भवन ऑटोडोरियम में लगे स्टॉल पर इन लोगों ने रूस के लिए जूता आयात करने की चर्चा की. कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर करीब चार लाख डॉलर के जूतों की मांग की है.

इंडस्ट्रियल शूज और कैजुअल जूतों की मांग

जूता कंपनी प्रतिनिधि ने बताया कि रसियन बायर्स के समूह ने इंडस्ट्रियल शूज और कैजुअल जूतों की मांग की है. जिसकी पूर्ति की जायेगी. रसियन प्रतिनिधि मंडल चार अलग अलग कंपनियों मसलन प्लेनेटा सिरिअस, कोबाल्ट , सेवरियाट्रेडिंग एवेंगार्ड शामिल हैं. इन लोगों ने कंपनी प्रतिनिधियों ने अपने हिसाब से डिजाइंड जूतों की मांग भी की है. बता दें कि कांपीटेंस एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की पटना के अलावा कानपुर और कोलकाता में भी जूता बनाने की यूनिट है.

अभी कोई व्यापारिक करार नहीं

इसी तरह चिप बनाने वाली कंपनी सुरेश चिप भी एएमडी कंपनी के साथ अपने काम को विस्तार करने जा रही है. अधिकतर टेक्सटाइल और लैदर उत्पाद के स्टॉल संचालकों ने बताया कि हमारी बात कई बायर से हुई है, लेकिन अभी कोई व्यापारिक करार नहीं हुआ है. हालांकि संभावना अधिक है. इस तरह की इच्छा व्यक्त करने वाली कंपनियों में आरकेडी स्पोर्टस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और जेडार जैसी कंपनियां शामिल हैं. खास बात यह रही कि बिहार में उद्योग लगाने के लिए बियाडा के स्टॉल पर चालीस लोगों ने भूमि की आस में फार्म भरे हैं. जरूरी जानकारी मांगी है.

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जनरल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में आये 62 फीसदी निवेश प्रस्ताव

बिहार में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में जनरल मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) सेक्टर में 31394.14 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू हुए हैं. यह निवेश प्रस्तावों की कुल राशि का 62 फीसदी से अधिक है. कुल 50,530.17 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों पर एमओयू किये गये हैं. विनिर्माण सेक्टर में 99 कंपनियों ने निवेश प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किये हैं. बिहार की अर्थव्यवस्था में विनिर्माण में अधिक निवेश प्रस्ताव आना शुभ संकेत है. यह देखते हुए कि विनिर्माण क्षेत्र को सामाजिक और आर्थिक विकास दोनों की रीढ़ माना जाता है. इस क्षेत्र में निवेश से नौकरियां बढ़ती हैं. इससे कृषि के आधुनिकीकरण में मदद मिलती है. कृषि पर लोगों की निर्भरता कम होती है. इन्वेस्टर समिट के परिणाम बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन को रोकने में मदद करेगा.

खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सबसे ज्यादा 124 प्रस्ताव आये

खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में संख्या के लिहाज से सबसे ज्यादा 124 प्रस्ताव आये हैं. हालांकि, संख्या में ज्यादा प्रस्ताव होने के बाद भी इसमें निवेश 14564.11 करोड़ के हैं. राज्य में इस सेक्टर को उच्च प्राथमिकता में रखा गया है. इसमें निवेश से किसानों की आय में इजाफा संभव हो सकता है, जबकि सर्विस सेक्टर 30 निवेश प्रस्ताव आये हैं. इसमें 3179.81 करोड़ के निवेश प्रस्तावित हैं. यह स्किल्ड युवाओं के रोजगार में यह सहायक होगा. आइटी एंड आइटीज में आठ कंपनियां 717.55 करोड़ का निवेश करने जा रही है. निवेश के लिहाज से यह राज्य के लिए नया क्षेत्र है. उच्च प्राथमिकता के एक अन्य क्षेत्र टेक्सटाइल एंड लैदर के क्षेत्र में 674.81 करोड़ के प्रस्ताव आये हैं. इसमें 17 कंपनियों ने निवेश के लिए करार किये हैं.

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