व्यक्ति नहीं, बिहार के इस मंदिर की जमीन के मालिक होंगे भगवान
धार्मिक न्यास, मठ व मंदिर आदि की जमीन का विवाद प्राय: हर जगह होता रहा है. इससे निबटने का उपाय भी ढूंढ़ लिया गया है.
भागलपुर. धार्मिक न्यास, मठ व मंदिर आदि की जमीन का विवाद प्राय: हर जगह होता रहा है. इससे निबटने का उपाय भी ढूंढ़ लिया गया है.
धार्मिक न्यास, मठ व मंदिर आदि की जमीन का मालिक अब कोई व्यक्ति नहीं होगा, बल्कि न्यास में स्थापित देवता, मठ या मंदिर होंगे. धार्मिक स्थलों की जमीन की सुरक्षा के उद्देश्य से यह निर्णय बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने लिया है.
हिंदू धार्मिक न्यास, मठ व मंदिर की जमीन के जमाबंदी रैयत में किसी महंत, न्यासी या सेवायत का नाम होने से विवाद उठता रहा है.
कई धार्मिक स्थलों की जमीन का विवाद अदालत और संबंधित सरकारी दफ्तरों में पहुंचता रहा है. इसका फायदा उठा भूमि की खरीद-बिक्री तक कर ली जाती है. इस कारण न्यास बोर्ड ने निर्णय लिया कि अब इसकी जमाबंदी रैयत के रूप में स्थापित देवता, मठ या मंदिर का नाम होगा.
जमाबंदी अभिलेख में बदले जायेंगे रैयत
धार्मिक स्थलों की जमीन की जमाबंदी के रैयत का नाम किसी व्यक्ति की जगह मंदिर, मठ, ठाकुरबाड़ी या देवता दर्ज किया जायेगा. मालगुजारी या लगान रसीद के नीचे भुगतान करनेवाले व्यक्ति का नाम होगा, ताकि न्यास की भूमि की सुरक्षा हो सके.
श्री जानकी रमण जी का नाम रैयत में अंकित करें
बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने नाथनगर सीओ को पत्र भेजा है. नाथनगर स्थित श्री जानकारी रमण जी सुजापुर ठाकुरबाड़ी की जमीन की जमाबंदी रैयत के नाम में जानकारी रमण जी का नाम अंकित नहीं है, जबकि यह भूमि देवता जानकारी रमण जी की है.
राजस्व अभिलेखों में श्री जानकारी रमण जी का नाम विलुप्त कर दिया गया है. सीओ को निर्देश दिया गया है कि रैयत का नाम सुधार करते हुए श्री जानकी रमण जी का नाम अंकित करें. बोर्ड ने कहा कि ऐसी ही भूल से मठ या मंदिर की संपत्ति को बेचने और विवाद खड़ा होने की संभावना प्रबल हो जाती है.
इस पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश नगर निगम प्रशासन को भी दिया है. ऐसे सभी धार्मिक स्थलों की जमीन के रैयत के नाम में सुधार करने के बाबत न्यास बोर्ड के प्रभारी सहायक अधीक्षक ने डीएम को पत्र भेज कर यह व्यवस्था सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.
Posted by Ashish Jha