जूही स्मिता
पटना. ‘हेल्थ इज वेल्थ’ यह कहावत आज के समय में बिल्कुल सटीक बैठती है. आज हर वर्ग के लोग खुद के स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सजग हो गये हैं. इसी का जीता-जागता उदाहरण पटना जू के बाहर लगने वाले दो स्टॉल है. गेट नंबर के सामने ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले दो छात्र कैलाश और विक्रम लोगों को हेल्दी स्प्राउट भेल बना खिला रहे हैं तो वहीं अमर और केशव लोगों को मोरिंगा (शहजन) के पत्ते और लेमन ग्रास की चाय की स्वाद चखा रहे हैं. यह दोनों स्टॉल सुबह 6 से लेकर 10 बजे तक ही लगते हैं. इन दोनों स्टॉल में जू में मॉर्निंग वॉक करने वाले लोग ज्यादा आते हैं. यह दोनों स्टॉल ना सिर्फ लोगों को हेल्दी खाने और पीने की चीजें परोस रहे हैं, बल्कि वे लोगों को स्वास्थ्य को लेकर जागरूक भी कर रहे हैं.
मधुबनी के रहने वाले कैलाश यादव और नवादा के रहने वाले विक्रम सिंह मगध यूनिवर्सिटी और एलएन मिश्रा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन कर रहे हैं. पिछले साल उनके जिम से जुड़े दोस्त ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्प्राउट खाने की सलाह दी. जब दोनों का इसका सेवन करना शुरू किया तो उन्हें इसका असर दिखा. इसके बाद उन्हें लगा कि पढ़ाई के साथ अगर लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाये तभी बात बनेगी. जिसके बाद उन्होंने एक महीने पहले जू के बाहर अपना एक छोटा सा स्टॉल लगाया. जिसका नाम वी केयर डायट स्प्राउट भेल सेंटर रखा. सुबह 7-10 वे स्टॉल लगाते और फिर कक्षाएं करने जाते हैं. कैलाश बताते हैं कि इस स्प्राउट भेल में मुंग, चना, गेहूं, मुंगफली, मेथी दाना, तील, तीसी, मोठ, खसखस, पोस्ता दाना आदि का इस्तेमाल करते हैं. यह सभी चीजें हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है और विभिन्न बीमारियों से रक्षा करते हैं. हर दिन वे 30 प्लेट से ज्यादा भेल सेल करते हैं और भेल की कीमत 20 रुपये रखी है.
मूल रूप से धनौत के रहने वाले कुमार अमर और उनेक छोटे भाई केशव पिछले छह महीने से जू के बाहर डीकोला चाय का स्टॉल लगा रहे हैं. अमर बताते हैं कि उनका खुद का बिजनस है, लेकिन वे हमेशा से लोगों को सेहत के प्रति जागरूक करना चाहते हैं. जिसके बाद उन्होंने इस स्टॉल की शुरुआत की. जब वे मोरिंगा (शहजन) के पत्तों के साथ लेमनग्रास टी का आइडिया लेकर आये थे. लोगों ने कहा था कि 30 कप अगर सेल कर लोगे तो बड़ी बात होगी. उन्होंने इसे चैलेंज के तौर पर लिया और 30 कप चाय लोगों को ट्रायल के लिए बिना पैसे का चाय पीने का ऑफर दिया. सबसे अच्छी बात यह हुई की पहले दिन 36 लोगों ने चाय का स्वाद चखा और 35 लोगों को इसकी पेमेंट की.
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इस दौरान वे लागतार लोगों को मोरिंगा के पत्ते के फायदे का बारे में बताते आ रहे हैं. वे लोगों को कांच के बने जार और कप में ही चाय देते हैं. साथ ही इसमें चीनी की जगह ताल मिश्री का इस्तेंमाल करते हैं. नौबतपूर स्थित फॉर्म से वे चाय में इस्तेमाल होने वाले मोरिंगा, लेमन ग्रास के अलावा अन्य हर्बल चीजें प्राकृतिक तौर पर उगाते हैं. हर दिन इनके स्टॉल में 200 से ज्यादा लोग यहां सुबह चाय पीतें हैं जिसमें 40 गार्ड सीएम आवास से हैं. वे सुबह 6-9 बजे तक ही स्टॉल लगाते हैं और इनकी चाय की कीमत 10 और 20 रुपये हैं. जल्द वे अपने स्टॉल को स्टार्टअप स्कीम के तहत अप्लाय करेंगे.