बांका. आधारभूत संरचना को आधार मानकर देशभर के आकांक्षी जिलों की रैंकिंग की गयी है. इसमें बिहार के बांका जिला को देश में दूसरा स्थान मिला है. नीति आयोग,चैम्पियन ऑफ चैंज के नाम से आकांक्षी जिलों में बेहतर काम करने वाले जिलों की डेल्टा रैंकिंग जारी करती है. उल्लेखनीय है कि देशभर में 112 आकांक्षी जिले हैं, जिनमें बिहार के भी 12 जिले शामिल हैं. नीति आयोग के अगस्त माह की डेल्टा रैंकिंग में बांका को आधारभूत संरचना में दूसरा स्थान,जबकि ओवर ऑल रैंकिंग में सातवां स्थान है.
आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में सुधार होने से इन जिलों में नीति आयोग द्वारा ग्रांट जारी किया जाता है. इस राशि से अलग से कार्य करवाए जाते हैं. ग्रांट की राशि दस लाख से लेकर बीस लाख तक होती. आधारभूत संरचना के लिए बांका को दूसरे स्थान के लिए अलग से भी ग्रांट मिलेगा. ग्रांट की राशि आधारभूत संरचना के मद में ही खर्च की जाती है.
आधारभूत संरचना के अलावा स्वास्थ्य और न्यूट्रिशन के क्षेत्र में भी बांका को अगस्त महीने के डेल्टा रैंकिंग में सातवां स्थान मिला है, जबकि शिक्षा के क्षेत्र में 69वां,कृषि व जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन के क्षेत्र में 27 वां,वित्तीय समावेशन और स्किल डेवलपमेंट के क्षेत्र में 84 वां स्थान मिला है. वर्ष 2018 चल रही आकांक्षी जिला कार्यक्रम में बिहार के 12 जिले : विकास के कई पैमाने पर पीछे जिलों के लिए केंद्र सरकार वर्ष 2018 से आकांक्षी जिला कार्यक्रम चला रही है. इसमें देश के 112 जिलों के समावेशी विकास पर फोकस किया जाता है.
इस कार्यक्रम में बिहार के 12 जिले कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर और नवादा शामिल हैं. खास कर के इस कार्यक्रम में शामिल जिलों में स्वास्थ्य,पोषण,वित्तीय स्थिति,स्किल और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जाता है. आकांक्षी जिलों में शिक्षा क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले टॉप-5 में बिहार के तीन जिले थे : नीति आयोग ने देश के अल्प विकसित 112 आकांक्षी जिलों की जुलाई 2022 के लिए चैम्पियन ऑफ चैंज डेल्टा रैंकिंग जारी की गयी थी. टॉप पांच में बिहार के तीन जिले शेखपुरा पहले,पूर्णिया दूसरे और गया तीसरे स्थान पर थे.