Aryabhatta Knowledge University आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (एकेयू) में कई नये कोर्स शुरू होंगे. कोर्स शुरू करने को लेकर अनुमित शिक्षा विभाग को भी भेजी गयी है. यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा है कि आने वाले सत्र में नवीन तकनीक पर आधारित भू-सूचना प्रणाली एवं रिमोट सेंसिंग पाठ्यक्रम को शुरू किया जायेगा. यह प्रस्तावित है. इसके साथ-साथ एस्ट्रोनॉमी, जलवायु परिवर्तन, रीवर स्टडीज, नॉन कंवेशनल एनर्जी, आर्ट एंड कल्चर, फिलोसॉफी, स्टेम सेल टेक्नोलॉजी, आर्कियोलॉजी एंड क्यूरेटॉरियल स्टडीज के पाठ्यक्रम और अध्यादेश के निर्माण पर चर्चा हुई. शैक्षणिक परिषद की बैठक इसकी अनुमित मिल गयी है. इसके साथ विभिन्न विभागों में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा, स्नातकोत्तर एवं पीएचडी पाठ्यक्रमों भी शुरू होंगे.
गौरतलब है कि अभी यहां सेंटर फॉर नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी के साथ-साथ सेंटर फॉर ज्योग्राफिकल स्टडीज, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और सेंटर फॉर रिवर स्टडी पहले से स्थापित है. लेकिन इसमें मास कम्युनिकेशन, सेंटर फॉर ज्योग्राफिकल और नैनोसाइंस और नैनो टेक्नोलॉजी की पढ़ाई हो रही है. वैसे किसी भी डिपार्टमेंट में पद स्वीकृत नहीं होने से परेशानी बढ़ गयी है. यूनिवर्सिटी ने सभी डिपार्टमेंट के पद तय कर स्वीकृत के लिए विभाग में भेज दिया है. शिक्षा विभाग जैसे ही स्वीकृत कर देती है वैसे ही बहाली की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. एकेयू के बाकी अन्य डिपार्टमेंट में भी पढ़ाई शुरू हो जायेगी.
नये सत्र 2022 में एकेयू में काफी कम एडमिशन हो पाया है. सेंटर फॉर नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी यहां का पुराना डिपार्टमेंट है. इसके अलग केवल दो डिपार्टमेंट ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन और सेंटर फॉर ज्योग्राफिकल स्टडीज में ही पढ़ाई और एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो पाया है. इसके साथ सेंटर फॉर नैनोसाइंस एंड नैनोटेक्नोलॉजी में भी सत्र 2022 में काफी कम एडमिशन हो पाया है. बाकी के दो डिपार्टमेंट स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और सेंटर फॉर रिवर स्टडी में एडमिशन नहीं हो पाया. पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में डायरेक्टर की नियुक्ति हुई लेकिन यहां को-ऑर्डिनेटर नहीं है. डायरेक्टर ही सभी काम कर रहें हैं. वहीं, सेंटर फॉर रिवर स्टडी में को-ऑर्डिनेटर तो हैं, लेकिन यहां डायरेक्टर ही नहीं है. इस कारण यहां के को-ऑर्डिनेटर को पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में शामिल कर दिया गया है. इसका मतलब यह हुआ कि सेंटर ऑफ रिवर स्टडी में न कोई को-ऑर्डिनेटर रहा और न ही कोई डायरेक्टर. इस कारण अब तक यहां किसी तरह की पढ़ाई या रिसर्च का काम शुरू नहीं हो पाया है.