कैलाशपति मिश्र, पटना: राज्य में फिल्म और टेलीविजन में कैरियर बनाने वाले युवाओं के लिए खुशखबरी है. अब बिहार में फिल्म और टेलीविजन से जुड़े कोर्स की पढाई होगी. इसके लिए कोर्स की डिजाइन करने की जिम्मेदारी फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआइआइ) को दी जाएगी.
इसकी पढ़ाई आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की पत्रकारिता विभाग में होगी, जबकि इसके लिए राशि का प्रबंधन कला,संस्कृति एवं युवा विभाग करेगा. तीनों संस्थानों के बीच जल्द ही त्रिपक्षीय समझौता करने का निर्णय विभागीय स्तर पर लिया गया है. लेकिन इससे पहले इस आशय का प्रस्ताव कैबिनेट की मंजूरी के लिए जल्द ही भेजी जाएगी. इसकी तैयारी विभाग ने कर लिया है.
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में फिल्म मेकिंग की पढ़ाई के लिए एफटीआइआइ की सहयोग से पाठ्यक्रम बनाए जाएंगे. इसके लिए एफटीआइआइ ही तत्कालिक रूप से फैकेल्टी की भी व्यवस्था करेगी. कला,संस्कृति एवं युवा विभाग के सूत्रों का कहना है फिल्म मेकिंग के पाठ्यक्रम के शुुरुआती दौर में डायरेक्शन, एक्टिंग, स्क्रीन राइटिंग, एडिटिंग, सिनेमेटोग्राफी, साउंड रिकार्डिंग एंड साउंड डिजाइन और स्क्रिप्ट राइटिंग आदि में डिप्लोमा और शर्ट टर्म कोर्स की पढ़ाई होगी. फिर धीरे-धीरे डिग्री स्तर तक की कोर्स का डिजाइन किया जा सकता है.
बिहार फिल्म शूटिंग और निर्माण केंद्र के रूप में विकसित हो इसके लिए राज्य सरकार फिल्म नीति बना रही है. जिसके तहत बिहार में फिल्म को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा और बिहार में शूट होने वाली फिल्मों को सब्सिडी दी जायेगी. फिल्म नीति के तहत ही सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था करने का प्रावधान होगा, ताकि फिल्म निर्माण से संबंधी सारी लाइसेंस निर्माताओं को एक जगह मिल जाये. इसके लिए फिल्म विकास निगम को नोडल एजेंसी बनाया जायेगा.