देश के आकांक्षी जिलों में बिहार के बांका व अररिया का अच्छा प्रदर्शन, राज्य के 13 जिले सूची में शामिल
आकांक्षी जिला कार्यक्रम में बिहार के 13 जिलों के प्रखंडों में विशेष सहायता मिलती है. इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान दिये जाते हैं.
पटना. नीति आयोग देश के अल्प विकसित 112 आकांक्षी जिलों में आपसी कंपटीशन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पैरामीटर पर जिलों की रैकिंग करती रहती है. इसे आमतौर पर चैंपियन ऑफ चैंज डेल्टा रैंकिंग कहते हैं. इस रैंकिंग के पोषण के पैमाने पर बिहार के बांका और अररिया ने अच्छा प्रदर्शन किया है. वहीं, इन्फ्रास्ट्रक्चर के पैमाने पर औरंगाबाद और नवादा. इन जिलों के विकास के लिए केंद्र सरकार अतिरिक्त राशि मुहैया करवाती है. इस राशि से इन जिलों में शिक्षा,स्वास्थ्य, जल संसाधन, पोषण और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काम किये जाते हैं. अभी पिछले दिनों नीति आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट में कृषि और जल संसाधन पैमाने पर बांका और कटिहार ने बेहतरीन प्रदर्शन किये थे.
बिहार के 13 जिले देश के आकांक्षी जिलों की सूची में
वर्ष 2018 में लागू आकांक्षी जिला कार्यक्रम में बिहार के 13 जिले कटिहार, बेगूसराय, शेखपुरा, अररिया, खगड़िया, पूर्णिया, औरंगाबाद, बांका, गया, जमुई, मुजफ्फरपुर, सीमामढ़ी और नवादा शामिल हैं. केंद्र की इस घोषणा से बिहार के इन 13 जिलों के प्रखंडों में विशेष सहायता मिलती है. इन जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय स्थिति और आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों को विकसित करने पर ध्यान दिये जाते हैं. शिक्षा क्षेत्र के लिए मुख्य रूप से स्कूल में पढ़ाई और लाइब्रेरी की सुविधा, स्कूलों में आधारभूत संरचना जिसमें टॉयलेट व पेयजल मुख्य हैं.
बिहार में 61 प्रखंड भी आकांक्षी किये गये हैं घोषित
केंद्र सरकार ने देश में 500 आकांक्षी प्रखंडों की घोषणा की है, इनमें 61 आकांक्षी प्रखंड बिहार के भी हैं. केंद्र सरकार राज्य सरकार की मदद से विशेष कार्यक्रम चलायेगी.इन प्रखंडों का चयन केंद्र के आकांक्षी प्रखंड कार्यक्रम के तहत किया गया है.विकास के कई पैमानों पर पिछड़े इन प्रखंडों को विकसित प्रखंडों की श्रेणी में लाने का प्रयास किया जायेगा. शुरुआती दौर में इन प्रखंडों में स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास जैसे इंडीकेटर पर विशेष ध्यान दिया जायेगा. इन जिलों के लिए केंद्र से अतिरिक्त फंड का भी प्रबंधन किया जायेगा.प्रखंडों की रैंकिंग की जायेगी ताकि उनमें आगे बढ़ने की प्रतिस्पर्धा बढ़ सके.
बिहार के पिछड़े 27 जिलों में से 61 प्रखंड का चयन किया गया है. राज्य के 13 आकांक्षी जिलों (एडी) के भी प्रखंडों का चयन इस कार्यक्रम के तहत किया गया है. जिलों में भागलपुर और कैमूर जिलों के सर्वाधिक 5-5 करके के 10 प्रखंड, बेगूसराय के 4,मुंगेर के 4, जमुई के 4, औरंगाबाद और गया के 4-4 प्रखंड हैं. वहीं, भोजपुर, कटिहार और बांका के तीन-तीन प्रखंड शामिल हैं.