गोपालगंज में गंडक का जलस्तर घटने से लाेगाें को मिली राहत, कटाव के खतरा को देखते हुए हो रही है निगरानी
गोपालगंज में गंडक का जल स्तर घटने लगा है. इससे लाेगाें को राहत मिली है. वहीं, नेमुइया में कटाव का खतरा मंडराने लगा है. तटबंधों पर निगरानी हो रही है. नदी के घटते जल स्तर से तटबंधों पर बचाव कार्यों के भी नदी में समाने का खतरा बना रहता है. इसको लेकर विभाग अलर्ट मोड में है.
गोपालगंज. गंडक नदी का जल स्तर घटने लगा है. पिछले 24 घंटे में नदी 22 सेंटीमीटर नीचे आयी है. पतहरा में खतरे के निशान से नदी 10 सेंटीमीटर नीचे आ गयी है. वहीं विशंभरपुर में नदी 19 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वाल्मीकिनगर बराज से पानी का डिस्चार्ज 1.04 लाख क्यूसेक से घटकर मंगलवार की शाम पांच बजे 81200 क्यूसेक पर आ गया. उधर,नदी के जल स्तर घटने से दियारा के लोगों को फिलहाल बाढ़ से राहत मिलती नजर आ रही है.
कटाव की खतरा मंडराने लगा है
पानी का लेवल घटने के साथ ही नेमुइयां में कटाव की खतरा मंडराने लगा है. नेमुइया में स्थिति का आकलन करने में अभियंता मो अली असगर की टीम जुटी है. वहीं, नदी का यहां सीधा अटैक होने से खतरा बरकरार है. यूपी के एपी तटबंध पर कटाव से अभियंता अलर्ट मोड में हैं. तटबंधों पर निगरानी के लिए विशंभरपुर में कार्यपालक अभियंता सहित कई अधिकारी बंगरा घाट से लेकर पतहरा के स्थिति पर नजर रखे हैं. अभियंताओं ने स्थिति को सामान्य बताया है. नदी के घटते जल स्तर से तटबंधों पर बचाव कार्यों के भी नदी में समाने का खतरा बना रहता है. इसको लेकर विभाग अलर्ट मोड में है.
संक्रामक बीमारियों के बढ़ने की आशंका
बता दें कि बाढ़ का असर धीरे-धीरे कम होने लगा है. साथ ही बाढ़ से प्रभावित इलाकों में जल जनित व संक्रामक बीमारियों के बढ़ने की आशंका भी है. बाढ़ से घिरे इलाकों में कई लोगों के फ्लू, डायरिया, चर्मरोग, पीलिया, टाइफाइड, मलेरिया, निमोनियां व चमकी जैसी बीमारियों से ग्रसित होने की सूचना मिल रही है. वहीं, बाढ़ से जान बचाकर गांव से निकले कई लोग घायल भी हुए हैं.