Dengue के डंक से लोग परेशान, इलाज का नहीं हुआ इंतजाम, Gopalganj Sadar Hospital जांच के लिए उमड़ रही भीड़

गोपालगंज में Dengue के डंक से लोग परेशान हैं. Gopalganj Sadar Hospital इलाज का इंतजाम नहीं हुआ. जांच के लिए भीड़ उमड़ रही है. सदर अस्पताल में प्लेटलेट्स चढ़ाने का कोई इंतजाम नहीं है. स्वास्थ्य विभाग ने कहा, सरकारी स्तर पर डेंगू के लक्षण की नहीं पुष्टि हुई हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2022 6:17 AM
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गोपालगंज. शहर में Dengue ने डंक मारना शुरू कर दिया है. पिछले तीन दिनों में छह मरीजों में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. दो मरीजों की स्थिति को गंभीर देखते हुए उनको परिजनों ने इलाज के लिए गोरखपुर और पटना में भर्ती कराया है. स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू को लेकर अलर्ट जारी किया है, लेकिन सदर अस्पताल में डेंगू से निबटने के लिए मुकम्मल इंतजाम नहीं किया गया है. यहां न तो प्लेटलेट्स चढ़ाने का इंतजाम है और न ही विशेषज्ञ डॉक्टर ही हैं. लक्षण मिलते ही उनको रेफर कर अपनी बला टाल दी जा रही है. डेंगू का वार्ड भी सदर अस्पताल में नहीं बनाया गया है. दूसरी तरफ शहर के सरेया मुहल्ले की रमावती देवी और हरखुआ के राजेश कुमार में डेंगू के लक्षण मिलने पर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है. वहीं स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी स्तर पर एक भी डेंगू मरीज नहीं मिलने की पुष्टि की है.

चार प्रकार के होते है डेंगू के वायरस

बनारस अस्पताल के फिजिशियन डाॅ प्रवीण कुमार त्रिपाठी की मानें, तो डेंगू के वायरस चार तरह के होते हैं. एक वायरस के इन्फेक्शन से उस वायरस के खिलाफ शरीर में एंटी बाॅडी बन जाती है. इससे उस वायरस से लड़ने की क्षमता पैदा हो जाती है, लेकिन बाकी तीन वायरस शरीर में दोबारा संक्रमण पैदा कर सकते हैं. मच्छर के काटने पर तीन से सात दिन के अंदर इसके लक्षण प्रकट होते हैं.

डेंगू का पहला लक्षण

तेज बुखार होना, जुकाम होना, खांसी आना, बहुत तेज बदन दर्द और पेट दर्द, पैरों और हाथों में खुजली, शरीर पर लाल रंग के चकत्ते निकलना, रोग की गंभीर स्थिति में शरीर में सूजन आ सकती है.

संदिग्धों के बुखार ने बिगाड़ा बजट

डेंगू के संदिग्ध मरीजों को हो रहे बुखार ने उनका बजट बिगाड़ दिया है. प्राइवेट में जांच व इलाज इतने महंगे हो गये हैं, कि चाह कर भी लोग जांच नहीं करा पा रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में जांच का इंतजाम नहीं किया गया है, जिसके कारण लोगों की परेशानी बढ़ी है. हर रोज पांच से सात संदिग्ध मरीज सदर अस्पताल की ओपीडी में डेंगू की जांच कराने के लिए पहुंच रहे हैं. उधर, निजी क्लिनिकों में 400 से 500 रुपये डॉक्टर की फीस, 800 से 1200 रु. एक्स-रे व ब्लड की जांच में तथा 500 से 1000 रु. दवाओं में खर्च करना पड़ता हैं. डॉक्टर ने यदि डेंगू की आशंका जतायी, तो उसकी बाजार में जांच कराने में 1200 से 2000 रु. खर्च होते हैं.

तीन लोगों की जान ले चुका है डेंगू

मीरगंज के अलग-अलग इलाकों में इस साल डेंगू से महिला समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है. यहां 15 से अधिक लोग डेंगू से ग्रसित होकर अलग-अलग अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं. नगर पर्षद मीरगंज के कार्यपालक पदाधिकारी अजीत कुमार शर्मा ने डेंगू के अलावा अन्य रोगों से ग्रसित होने पर मरीजों के मौत होने की जानकारी दी. वहीं दावा किया जा रहा है कि मीरगंज में फॉगिंग और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जा रहा है, लेकिन नगर पर्षद गोपालगंज में मच्छरों को मारने के लिए कोई अभियान नहीं चलाया जा रहा है.

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