गोपालगंज. ऊमस और भीषण गर्मी से झुलस रहे लोगों को रविवार राहत दे गया. बारिश होने से तापमान में जहां गिरावट आयी है, वहीं झुलस रहे धान की फसल में जान आ गयी है. हालांकि शहर में पानी के बाद सड़क और गलियां कुछ देर के लिए दियारे का नजारा दिखाने लगी. बता दें कि विगत एक पखवारे से जिले में बारिश नाममात्र की हुई है.
इधर, तेज धूप और ऊमस से आमजन जहां परेशान थे, वहीं धान के पौधे खेतों में झुलस रहे थे. शनिवार की शाम से मौसम का रुख बदला, तो रविवार की सुबह जिले में कहीं जमकर बौछारें पड़ीं, तो कहीं बूंदाबांदी हुई. इधर बारिश के बाद तापमान में गिरावट के साथ लोगों ने राहत की सांस ली है. बता दें कि जिले में अगस्त माह में 310 मिमी बारिश की जरूरत है, जबकि अब तक औसत बारिश मात्र 122 मिमी हुई है.
एक नजर तापमान और बारिश पर
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अगस्त माह में आवश्यक वर्षा- 310 मिमी
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अगस्त माह में अब तक बारिश- 122.3 मिमी
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रविवार को औसत बारिश- 12.2 मिमी
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रविवार को अधिकतम तापमान- 31.4 डिग्री सेल्सियस
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न्यूनतम तापमान- 26.2 डिग्री सेल्सियस
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बर्बाद हो रही थी धान की फसल
वर्षा नहीं होने से धान की फसल को नुकसान हो रहा था. झुलसते धान की फसल के लिए बारिश की ये बूंदें संजीवनी का काम कर गयी हैं. बारिश के बाद किसानों में खुशी है. बारिश के बाद किसानों ने कहा कि यह बारिश धान और गन्ने के लिए संजीवनी बन टपकी है. फिलहाल जिन क्षेत्रों में बारिश हुई है, वहां के किसानों में खुशी है और खेतों में हरियाली छा गयी है. ऐसे में शनिवार की रात से रविवार की दोपहर तक हुई वर्षा ने फसलों के लिए मानों संजीवनी का काम किया. रुक-रुककर भी बूंदाबांदी होती रही, तो उन्हें होने वाला नुकसान कुछ हद तक कम हो सकता है. मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि सोमवार को भी आसमान में बादल छाये रह सकते हैं. 12-24 घंटों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है