अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ लेने में उदासीन हैं गोपालगंज के युवा, ‘युवा समाज के डर से छुपाते हैं’
गोपालगंज में अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ लेने में युवा काफी उदासीन हैं. इसका कारण है कि अब तक इस योजना के लाभ से महज 21 नवदंपती ही लाभान्वित हो सके हैं. वहीं, पुलिस पदाधिकारी बताते हैं कि अधिकतर अंतरजातीय विवाह करने वाले युवा समाज के डर से अपने को छिपा लेते हैं.
गोपालगंज. अंतरजातीय विवाह योजना का लाभ लेने में गोपालगंज के युवा काफी उदासीन हैं. इसका कारण है कि अब तक इस योजना के लाभ से महज 21 नवदंपती ही लाभान्वित हो सके हैं. राज्य सरकार अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत वैसे शादी- शुदा लोगों को प्रोत्साहन राशि देती है, जो दूसरी जाति में विवाह करते हैं. लेकिन इस योजना के तहत सरकार के द्वारा दी जाने वाली राशि का लाभ लेने में युवा काफी पीछे हैं.
‘युवा समाज के डर से अपने को छिपा लेते हैं’
पुलिस पदाधिकारी बताते हैं कि अधिकतर अंतरजातीय विवाह करने वाले युवा समाज के डर से अपने को छिपा लेते हैं. इस कारण समाज कल्याण विभाग ने अधिकारियों को इस योजना के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान तेज करने का निर्देश दिया है, ताकि अंतरजातीय विवाह करने वाले लोग खुलकर इस योजना का लाभ ले सकें. योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होगा. इसके बाद यह राशि लाभुक के बैंक खाते में सीधे पहुंच जाती है.
इन उद्देश्यों से लागू की गयी है योजना
राज्य सरकार ने समाज में जातीय भेदभाव के बंधन को तोड़ने और दहेज प्रथा पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की है. पिछले सालों में कोरोना के कारण इस योजना का लाभ लेने वालों की संख्या थोड़ी कम रही है. साथ ही, बहुत लोग डर से भी आवेदन नहीं करते हैं, लेकिन विभाग अधिकारियों को निर्देश दिया है कि योजना के प्रति जागरूकता जरूरी है. साथ ही, जो लोग आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें योजना का लाभ समय पर मिले, इसकी जिम्मेदारी भी विभागीय अधिकारियों की ही है.
आवेदन के समय देने होंगे कागजात
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– दंपती का आधार कार्ड
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– वोटर आइडी कार्ड
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– राशन कार्ड की कॉपी
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-पासपोर्ट साइज फोटो
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– पंचायत में निबंधन की कॉपी
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– दंपती का ज्वाइंट बैंक खाता
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अंतरजातीय विवाह में कितना मिलता है लाभ
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-सामान्य व्यक्ति को एक लाख
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-अगर एक दिव्यांग हो, तो एक लाख
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-अगर दोनों दिव्यांग हों, तो तीन लाख
दहेज प्रथा रोकथाम में है कारगर
जातीय विवाद और दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए यह कानून कारगर है. समाज कल्याण विभाग की ओर से दी जाती है एक से तीन लाख तक की राशि. वहीं, इस योजना को लेकर सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सामाजिक सुरक्षा कोषांग मंकेश्वर कुमार ने बतया कि अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि लेने के लिए आवेदकों को ऑनलाइन ही आवेदन करना है. आवेदन करने के बाद राशि सीधे उनके खाते में भेज दी जाती है. इसके लिए व्यापक पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.