दो साल बाद भी काम अधूरा
गोपालगंज : शहर की व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए प्रशासनिक प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. फिर चाहे लाखों की लागत से बनने वाले अधूरे डिवाइडर हों या पार्किंग स्थल. शहर में जाम से मुक्ति दिलाने और यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए दो साल पूर्व शहर में डिवाइडर बनने का काम शुरू […]
गोपालगंज : शहर की व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए प्रशासनिक प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. फिर चाहे लाखों की लागत से बनने वाले अधूरे डिवाइडर हों या पार्किंग स्थल.
शहर में जाम से मुक्ति दिलाने और यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए दो साल पूर्व शहर में डिवाइडर बनने का काम शुरू हुआ़ काम के एक साल बाद डिवाइडर बनना रुक गया और आज तक यह अधूरा है. नतीजतन शहर आज भी जाम की समस्याओं से जूझ रहा है.
जाम रोकने वाले कारकों में डिवाइडर का भी अहम रोल है. डिवाइडर का निर्माण अरार चौक से आंबेडकर चौक होते हुए बंजारी तक होना था़ काम का जिम्मा पीडब्ल्यूडी को था. अरार से कमला राय काॅलेज तक और फिर बंजारी मोड़ से पुलिस लाइन के कुछ आगे तक डिवाइडर का कार्य पूरा हो गया. इन स्थलों पर कभी जाम नहीं लगा. शेष काम आज भी अधूरा है. सवाल उठता है कि आखिर शहर में हो रही इस व्यवस्था पर किसकी नजर लग गयी.
डिवाइडर में पौधे लगाने का भी काम रुका : जब डिवाइडर बनना शुरू हुआ, तब नगर पर्षद ने डिवाइडर के बीच छोटे-छोटे फूलदार पौधे लगाने और बिजली के बल्ब लगाने का फैसला लिया.
जहां डिवाइडर बन गये, वहां नगर पर्षद ने पौधे लगाने का काम भी पूरा कर लिया, जो हरियाली बिखेर रहे हैं.इन डिवाइडरों में एलइडी के लिए पोल भी लगा दिये गये, लेकिन जहां डिवाइडर नहीं बना है, वहां के लिए नगर पर्षद अभी बाट जोह रहा है.