छह लोगों की जान बचा कर खुद जिंदगी की जंग हार गये योगेंद्र

कटेया : कटेया में हार्डवेयर कारोबारी के घर लगी भीषण आग में घिरे छह लोगों को अपनी जान पर खेल कर गुरुजी ने बचा, तो लिया लेकिन खुद जिंदगी की जंग हार गये. छह लोगों को आग से बचाने के दौरान वह गंभीर रूप से झुलस गये थे. उनको गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2017 9:49 AM
कटेया : कटेया में हार्डवेयर कारोबारी के घर लगी भीषण आग में घिरे छह लोगों को अपनी जान पर खेल कर गुरुजी ने बचा, तो लिया लेकिन खुद जिंदगी की जंग हार गये. छह लोगों को आग से बचाने के दौरान वह गंभीर रूप से झुलस गये थे. उनको गंभीर हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भरती कराया गया था, जहां तीन दिनों तक मौत से लड़ने के बाद अंतत: जिंदगी की जंग हार गये. गुरुवार की देर रात 11:20 बजे इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी थी.
योगेंद्र गुप्ता की मौत की खबर पर कटेया में हजारों लोगों की आंखें नम थीं. योगेंद्र गुप्ता की मौत से समाज का हर एक वर्ग मर्माहत है. वे न सिर्फ एक शिक्षक थे, बल्कि एक स्वतंत्र पत्रकार के साथ समाज के लिए समर्पित रहने वाले व्यक्ति थे. और अंत में दूसरों की जान बचाने के लिए ही उन्होंने अपने-आप को कुरबान कर दिया. उनकी मौत से शिक्षा एवं पत्रकारिता जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. ज्ञात हो कि 17 जुलाई की सुबह कटेया के सबसे बड़े व्यवसायी पप्पू लोहिया की हार्डवेयर की दुकान में शाॅर्ट सर्किट से भीषण आग लग गयी. व्यवसायी का पूरा परिवार घर में ही घिर गया. उन्हें बचाने के दौरान शिक्षक योगेंद्र गुप्ता बुरी तरह झुलस गये थे.
परिजनों पर टूटा दुख का पहाड़
योगेंद्र की निधन की खबर आते ही कटेया में कोहराम मच गया. पत्नी आशा देवी जहां बेसुध पड़ी हुई थी, पत्नी की दुनिया उजड़ चुकी थी. उनकी आंखों से झर-झर आंसू गिर रहे थे. वहीं बुजुर्ग मां अपने लाल का नाम ले लेकर बार -बार बेहोश हो जा रही थी. कह रही थी कि बेटे की जगह मेरी अरथी उठी होती. भाई शंभू गुप्ता पागल जैसा हो गये हैं.
शिक्षक के साथ स्वतंत्र लेखक भी थे योगेंद्र : योगेंद्र गुप्ता की मौत से समाज का वह चिराग बूझ गया है, जिसने सिर्फ शिक्षा जगत को ही नहीं बल्कि पत्रकारिता जगत में भी मिसाल कायम की. उनके पिता स्व हीरा प्रसाद गुप्ता क्षेत्र के एक सम्मानित व्यक्ति थे. समाज सेवा में ही उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी लगा दी. पिता की मौत के बाद योगेंद्र गुप्ता ने विरासत संभाल रखी थी. शिक्षक की नौकरी से पहले वे 15 वर्षों तक प्रभात खबर के वरिष्ठ पत्रकार रहे. नौकरी के बाद भी बतौर स्वतंत्र लेखक उनके अधिकांश लेख प्रभात खबर में छपते थे. उनका कहना था कि आजीवन प्रभात खबर की सेवा करते रहेंगे. 2006 में सबसे पहले कल्याणपुर हाइस्कूल में उनका नियोजन हुआ. उसके बाद 2008 में खुरहुरिया प्लस-टू कॉलेज में तीन वर्षों तक नौकरी किये. 2011-12 में उनकी नियुक्ति हथुआ प्रखंड के सिंगहा टोला बगही में हो गयी. वर्तमान में वे अपग्रेड हाइस्कूल अमही में प्रधानाध्यापक थे.
कटेया के वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने महिला शिक्षा को लेकर अपने पिता के नेतृत्व में संत गोपीहादास बालिका महाविद्यालय की शुरुआत की. यह महाविद्यालय लड़कियों के लिए वरदान साबित हुआ. क्रांति तो तब हुई जब 2006-08 के शिक्षक बहाली में इस काॅलेज से शिक्षा ग्रहण की हुई 100 से अधिक लड़कियों को नौकरी मिली. नौकरी से पूर्व योगेंद्र गुप्ता इस काॅलेज में ही सेवा देते रहे. नौकरी के बाद भी वह इस काॅलेज में शिक्षा का अलख जगाते थे. शुक्रवार को शिक्षकों, पत्रकारों, व्यवसायियों सहित समाज के हर एक वर्ग के लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
योगेंद्र को पुरस्कृत करे सरकार : शिक्षकों, व्यवसायियों, बुद्धिजीवियों सहित समाज के हर वर्ग के लोगों द्वारा यह आवाज उठाई जाने लगी है कि योगेंद्र जैसे समाज के मसीहा को सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाना चाहिए. शिक्षक सत्येंद्र दुबे, सत्येंद्र राय, जमशेद अली, समाजसेवी जितेंद्र दुबे, बृजलाल प्रसाद, विनय चौबे, मनीष वर्णवाल आदि का कहना है कि योगेंद्र गुप्ता ने दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी कुरबानी दी है. यह समाज के लिए एक मिसाल है. इस महान व्यक्तित्व को सरकार किसी बड़े सम्मान से सम्मानित करे.
आज होगी अंत्येष्टि : शिक्षा विद, साहित्यकार व पत्रकार योगेंद्र गुप्ता का पार्थिव शरीर शुक्रवार की देर रात कटेया पहुंचा. शनिवार को उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. साथ ही कारोबारी विजय लोहिया का भी अंतिम संस्कार होगा.

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