11 दिन बाद अपहृत मुक्त
सफलता. मीरगंज के पिपरा चंवर से पुलिस ने की बरामदगी भोरे : भोरे थाना क्षेत्र के कावे गांव से अपहरण किये गये व्यक्ति को पुलिस ने 11 दिनों बाद सकुशल बरामद कर लिया है. इस कांड में जगतौली पंचायत के बीडीसी सदस्य का नाम भी सामने आया है. फिलहाल पुलिस अपहृत से पूछताछ कर रही […]
सफलता. मीरगंज के पिपरा चंवर से पुलिस ने की बरामदगी
भोरे : भोरे थाना क्षेत्र के कावे गांव से अपहरण किये गये व्यक्ति को पुलिस ने 11 दिनों बाद सकुशल बरामद कर लिया है. इस कांड में जगतौली पंचायत के बीडीसी सदस्य का नाम भी सामने आया है. फिलहाल पुलिस अपहृत से पूछताछ कर रही है तथा 164 के बयान के लिए गोपालगंज ले जाने की तैयारी में है. अब तक पुलिस की जांच में जो बात सामने आयी है, उसमें मामला जमीन विवाद से जुड़ा हुआ है. बता दें कि थाना क्षेत्र के कावे गांव में 17 जुलाई की रात अपने घर के अहाते में सोये हुए व्यास ओझा (70 वर्ष) को तीन लोगों ने अगवा कर लिया था. घटना के बाद परिजनों ने इस मामले में जगतौली गांव निवासी बीडीसी सदस्य सोनू लाल श्रीवास्तव, वीरेंद्र दीक्षित, राघव पांडेय एवं लक्ष्मण वर्णवाल के ऊपर अपहरण कर लेने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था.
इधर, पुलिस भी व्यास ओझा की तलाश में लगी हुई थी. गुरुवार की सुबह लगभग तीन बजे पुलिस को सूचना मिली कि एक व्यक्ति मीरगंज थाना क्षेत्र के पिपरा गांव के चंवर में मदद के लिए चिल्ला रहा है. सूचना मिलते ही थाने के एसआइ आरएन राम ने मौके पर पहुंच कर उन्हें बरामद कर लिया. वहीं पुलिस को दिये बयान में व्यास ओझा ने बताया है कि उन्हें उनके घर से उठा कर अज्ञात जगह ले जाया गया था. अंधेरी कोठरी में उन्हें रखा गया था. उनके साथ अपहर्ताओं द्वारा मारपीट कर एक कागज पर उनसे अंगूठे का निशान ले लिया गया. बार उनके द्वारा दो लाख रुपये की मांग की जाती रही. इधर, 27 जुलाई की रात लगभग 1.30 बजे एक चंवर में उन्हें छोड़ कर वे लोग वहां से वापस लौट गये. स्थानीय लोगों ने सुबह में देख कर पुलिस को सूचना दी. वहीं पुलिस का मानना है कि पूरा मामला जमीन से संबंधित है.