मरने के बाद भी देखेगी नैना की ‘नयना’
पटना में दधीचि देह दान समिति आज करेगी सम्मानित सिधवलिया : मरने के बाद भी नैना की ‘नयना’ दुनिया देखेगी. नैना देवी नेत्र दान कर अमर हो गयी है. नेत्र दान करने के लिए मरणोपरांत उन्हें अंतराष्ट्रीय अंग दान दिवस के मौके पर 13 अगस्त को दधिची देह दान समिति सम्मानित करेगी. सम्मान स्व नैना […]
पटना में दधीचि देह दान समिति आज करेगी सम्मानित
सिधवलिया : मरने के बाद भी नैना की ‘नयना’ दुनिया देखेगी. नैना देवी नेत्र दान कर अमर हो गयी है. नेत्र दान करने के लिए मरणोपरांत उन्हें अंतराष्ट्रीय अंग दान दिवस के मौके पर 13 अगस्त को दधिची देह दान समिति सम्मानित करेगी. सम्मान स्व नैना देवी के पुत्र शिवजी सिंह लेंगे. अंग दान के बारे में समिति के सदस्य ने कहा कि मानव ईश्वर की अनुपम कृति है. स्व को पर से जोड़ना जीवन जीने की कला है. जीवन-मरण तो विधि का विधान है. भारत ही एक ऐसा देश है जहां मान्यता है
कि मृत्यु के बाद आप अमरत्व को प्राप्त कर सकते हैं. दिल धड़क सकता है, कान सुन सकते है, आंखे देख सकती हैं, निष्प्राण शरीर शिक्षा और विज्ञान के काम आ सकता है. अत: पीड़ित मानवता की रक्षा के लिए देह दानी बनें और नैना देवी की तरह अमरत्व को प्राप्त करें. गौरतलब है कि सिधवलिया प्रखंड के कबीरपुर गांव की नैना देवी ने नेत्रदान करने का संकल्प लिया था. उनकी मृत्यु 20 दिसंबर, 2016 को हो गयी. मरणोपरांत उनकी इच्छा के अनुसार उनके पुत्र शिवजी सिंह ने उनकी मृत्यु की सूचना आइजीएमएस के चिकित्सकों को दी. डॉक्टरों की टीम कबीरपुर नैना देवी के नेत्र बैंक के लिए ले गयी. नेत्रदान करनेवाली बिहार की पहली महिला नैना देवी को दधिची देह दान समिति रविवार को सम्मानित करेगी. सम्मान लेने के लिए पुत्र शनिवार को पटना प्रस्थान कर गये.