20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गंडक में उफान, हाइअलर्ट, गांवों को खाली करने का आदेश, 97 गांवों में नदी मचायेगी तबाही

गांवों को खाली करने का आदेश नेपाल में भारी बारिश के बाद गंडक में उफान, हाइअलर्ट गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज से रविवार की शाम 4.62 लाख क्यूसेक जल डिस्चार्ज किया गया है. सोमवार की दोपहर तक जब जिले से गंडक नदी गुजरेगी, तो दियारे में तबाही मचना तय है. रविवार को गंडक नदी से […]

गांवों को खाली करने का आदेश
नेपाल में भारी बारिश के बाद गंडक में उफान, हाइअलर्ट
गंडक नदी में वाल्मीकिनगर बराज से रविवार की शाम 4.62 लाख क्यूसेक जल डिस्चार्ज किया गया है. सोमवार की दोपहर तक जब जिले से गंडक नदी गुजरेगी, तो दियारे में तबाही मचना तय है. रविवार को गंडक नदी से ओवरफ्लो करके बाढ़ का पानी कुछ नये इलाकों में भी प्रवेश कर गया है.
गोपालगंज : नेपाल में भारी बारिश से गंडक नदी में उफान आ गया है. नदी के जल स्तर में अचानक वृद्धि होने तथा संभावित बाढ़ को ध्यान में रखते हुए प्रभावित गांवों को हाइअलर्ट किया गया है. निचले इलाके के लोगों को गांव को खाली कर सुरक्षित स्थल पर जाने को कहा गया है.
एनडीआरएफ, नाव तथा तटबंध की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड के जवानों को भी अलर्ट कर दिया गया है. रविवार की शाम अधिकारियों की टीम ने कुचायकोट से लेकर बैकुंठपुर तक के प्रभावित इलाकों में तटबंधों की सुरक्षा की समीक्षा की है. अनुमंडल पदाधिकारी शैलेश कुमार दास, कुचायकोट के बीडीओ दीपचंद्र जोशी, सीओ चौधरी राम ने पुलिस बल के साथ कुचायकोट थाना क्षेत्र के विशंभरपुर, कालामटिहनिया में जाकर स्थिति की जानकारी ली.
इसके अलावा अधिकारियों ने सदर प्रखंड में भी जाकर स्थिति को देखा. उधर बाढ़ नियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता आरके शाही, बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, बाढ़ विशेषज्ञ मुरलीधर सिंह की टीम पतहरा में कैंप कर स्थिति पर नजर रखी हुई है. बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने जिले के सभी तटबंधों को सुरक्षित बताया है. निचले इलाके के 97 गांवों के लोगों को सुरक्षित और ऊंचे स्थल पर जाने को कहा गया है. साथ ही प्रशासन ने सोमवार से राहत और बचाव कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है.
मेहदिया में सामुदायिक भवन नदी में समाया : गोपालगंज. गंडक नदी का कटाव सदर प्रखंड के मेहदिया, जगीरीटोला, कटघरवा में पिछले 15-20 दिनों से तेज है.
यहां अब तक एक हजार एकड़ में गन्ना की फसल को नदी अपने आगोश में ले चुकी है. इसके अलावा 40 परिवार कटाव से बेघर हो चुके हैं. नदी का कटाव इस कदर है कि रविवार को मेहदिया का सामुदायिक भवन नदी में समा गया जबकि, इससे पहले जगीरीटोला पंचायत भवन नदी में समा चुका था. प्राथमिक विद्यालय का आधा से अधिक हिस्सा नदी में गिर चुका है. शेष हिस्से पर नदी का दबाव बना हुआ है. बेघर हुए लोग मेहदिया नहर पर शरण लिये हुए हैं. इनको राहत और बचाव का कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
दियारा हुआ लबालब : बैकुंठपुर. गंडक नदी में 4.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे दियारा क्षेत्र लबालब हो गया है. इस वर्ष का सर्वाधिक मात्रा में पानी रविवार को छोड़े जाने के बाद जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है.
वैसे रविवार को गंडक नदी से ओवरफ्लो करके बाढ़ का पानी कुछ नये इलाकों में भी प्रवेश कर गया है. सलेमपुर, खोम्हारीपुर, शीतलपुर व पकहां गांवों के बाद अब महरानी दिला टोला, महारानी पनडुहीं टोला, उसरी दियारा आदि गांवों में भी बाढ़ का पानी पसरने लगा है. बाढ़ के पानी से घिरा महारानी गांव पूरी तरह टापू में तब्दील हो गया है. इस गांव के मुख्य पथ पर भी बाढ़ का पानी बह रहा है. वहीं महारानी प्राइमरी स्कूल में भी बाढ़ का पानी रविवार को प्रवेश कर गया. डुमरियाघाट से लेकर आशाखैरा-जादोपुर तक हजारों हेक्टेयर में लगी धान एवं गन्ने की फसलें बाढ़ से डूब गयी है. ग्रामीणों के अनुसार नदी का जल स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है. वैसे बंगरा घाट में गंडक का जल स्तर रविवार को खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर नीचे बताया गया है.
पशुपालकों के समक्ष चारे का संकट : बैकुंठपुर प्रखंड के दर्जन भर से अधिक दियारे में बाढ़ का पानी फैलने से पशुपालकों के समक्ष मवेशियों के लिए चारे की समस्या गंभीर हो गयी है. जान जोखिम में डाल कर लोग मवेशियों के लिए चारा काटने के लिए नाव से आवागमन कर रहे हैं. हालांकि स्थानीय प्रशासन ने नाव ओवर लोडिंग पर तत्काल रोक लगा दी है, ताकि उफान मार रही गंडक नदी में किसी प्रकार का हादसा नहीं हो सके.
97 गांवों में नदी मचायेगी तबाही
गंडक नदी में अचानक 4.62 लाख क्यूसेक पानी छोड़ेजाने के बाद जिले के 97 गांवों में बाढ़ की तबाही से इनकार नहीं किया जा सकता है. सदर प्रखंड के मेहदिया, जगीरीटोला, कठघरवा, मसानथाना, बरइपटी, रजवाही, भोजली, निरंजना, भसही, रामपुर टेंगराही के अलावे धर्मपुर, कुचायकोट प्रखंड के फुलवरिया, खरगौली, विशंभरपुर, राजापुर, भगवानपुर, दियर विजयपुर, टोला सिपाया, सलेहपुर, कालामटिहनिया, खेम मटिहनिया, दुर्ग मटिहनिया, मांझा प्रखंड के माघी, मुंगरहा, निमुइया, बरौली के बतरदेय, साहपुर पकड़ियार समेत 97 गांवों पर खतरा मंडाराने लगा है. इन गांवों में आने-जाने के रास्ते भी भंग होने की संभावना है. इन गांव के लोगों को सुरक्षित स्थल पर जाने को कहा गया है.
आक्रोशित पीड़ितों ने विधायक का किया घेराव
सदर प्रखंड के मेहदिया में कटाव की खबर पर पहुंचे सदर विधायक सुभाष सिंह को आक्रोशित कटाव पीड़ितों ने घेर लिया. विधायक ने एसडीओ एवं अन्य पदाधिकारियों से बात की. इस दौरान विधायक ने आरोप लगाया कि 20-22 दिन पूर्व गोपालगंज के सीओ को पूरी स्थिति की जानकारी दी थी. उनको मौके पर आकर स्थिति देखने को कहा गया था.
लेकिन, अब तक प्रशासन के किसी भी अधिकारी ने पीड़ितों की सुधि नहीं ली है. पीड़ित 40 परिवार बेघर होकर दाने-दाने को मुहताज हैं. एक अदद को पॉलीथिन तक नहीं दिया गया है, जबकि तीन सौ से अधिक परिवार यहां संकट में घिरे हुए हैं. विधायक ने जिला प्रशासन से मांग की है कि हिरा पाकड़ नहर के समीप मंदिर परिसर में राहत केंद्र खोल कर पीड़ितों को बचाव का इंतजाम किया जाये.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें