सऊदी अरब में मिली सजा गोपालगंज की जेल में काटेगा मनीष, जाने क्यों?

भोरे : सऊदी अरब में करोड़ों रुपये की जालसाजी कर भारत भाग कर आये भोरे के एक युवक को इंटरपोल के वारंट पर गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया. सऊदी अरब में जालसाजी के चार मामलों में उसे सजा मिल चुकी है. फिलहाल उसे गोपालगंज के चनावे जेल में रखा गया है, जहां उसे सऊदी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2017 8:59 PM

भोरे : सऊदी अरब में करोड़ों रुपये की जालसाजी कर भारत भाग कर आये भोरे के एक युवक को इंटरपोल के वारंट पर गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया. सऊदी अरब में जालसाजी के चार मामलों में उसे सजा मिल चुकी है. फिलहाल उसे गोपालगंज के चनावे जेल में रखा गया है, जहां उसे सऊदी अरब में मिली सजा काटनी होगी. वहीं, भारत में भी अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ने के मामले में केस दर्ज किया गया है, जिसकी सुनवाई जल्दी शुरू होगी. फिलहाल उसे सऊदी अरब प्रत्यर्पित नहीं किया जायेगा.

क्या है मामला

भोरे थाना क्षेत्र के बड़हरा गांव निवासी मनीष यादव चार साल पहले सऊदी अरब के शारजाह शहर में काम करने गया था. काम करने के दौरान कंपनी के मेटेरियल के एवज में उसे सप्लायर को भुगतान करना था. यह राशि करोड़ों में थी. सप्लायर को उसने चार चेकों के माध्यम से भुगतान किया, लेकिन ये चेक बाउंस कर गये. इसको लेकर मनीष यादव के खिलाफ सऊदी अरब के शारजाह के फेडरल कोर्ट में चार केस दर्ज किये गये. सुनवाई शुरू होते ही मनीष यादव वापस भारत लौट आया. वहीं, वहां के कोर्ट में चार अलग-अलग मामलों में उसे 50 माह की सजा सुनायी गयी. उसके भारत आ जाने के बाद इंटरपोल ने उसके विरुद्ध एक वारंट जारी किया, जिसे भारत सरकार के गृह मंत्रालय में भेजा गया. गृह मंत्रालय ने वारंट को गोपालगंज भेजा, जिसके आधार पर पुलिस ने उसे भोरे के काली मोड़ से गिरफ्तार कर लिया. वहीं, अंतरराष्ट्रीय कानून तोड़ने और जालसाजी को लेकर गोपालगंज कोर्ट में भी एक मामला दर्ज किया गया है. बताया जा रहा है कि मनीष यादव को सऊदी अरब से मिली सजा भारत के ही जेल में काटनी होगी. इसे लेकर कोर्ट ने उसे गोपालगंज के चनावे जेल भेज दिया है. फिलहाल यह बात सामने नहीं आयी है कि उसने कितने रुपये की जालसाजी की थी.

क्या कहते हैं अधिकारी

हथुआ के एसडीपीओ मो इम्तेयाज अहमद ने बताया कि सीजेएम कोर्ट से आदेश मिला था, जिसके आधार पर भोरे पुलिस ने मनीष यादव को गिरफ्तार कर कोर्ट को सौंप दिया. इससे अधिक पुलिस को कुछ नहीं पता.

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