जाली स्टांप बाजार से गायब

फर्जीवाड़ा. कारोबारियों के नेटवर्क के आगे प्रशासन लाचार जाली स्टांप के कारोबारियों का नेटवर्क काफी मजबूत है. इस पर प्रशासन हाथ डालने से परहेज कर रहा है. जाली स्टांप की बिक्री से सरकार को आर्थिक चोट पहुंचाने का खेल चल रहा है. गोपालगंज : जाली स्टांप कारोबार से जुड़े माफियाओं ने मंगलवार को अचानक बाजार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2017 6:27 AM

फर्जीवाड़ा. कारोबारियों के नेटवर्क के आगे प्रशासन लाचार

जाली स्टांप के कारोबारियों का नेटवर्क काफी मजबूत है. इस पर प्रशासन हाथ डालने से परहेज कर रहा है. जाली स्टांप की बिक्री से सरकार को आर्थिक चोट पहुंचाने का खेल चल रहा है.
गोपालगंज : जाली स्टांप कारोबार से जुड़े माफियाओं ने मंगलवार को अचानक बाजार से न सिर्फ जाली स्टांप गायब कर दिया बल्कि फस्ट क्लास मजिस्ट्रेट की तरफ से जारी किये गये शपथपत्र भी दुकानों पर नहीं बिके. इसका सीधा असर फ्रैंकिंग मशीन से बिकनेवाले स्टांप पर पड़ा. महज एक दिन में औसतन 32 हजार रुपये अधिक स्टांप की बिकी हुई. हालांकि इस आंकड़े की आधिकारिक पुष्टि नहीं है. जानकारों ने बताया कि प्रभात खबर में जाली स्टांप के कारोबार के उजागर होने के बाद माफियाओं ने अपना पैंतरा बदल दिया है.
समाहरणालय के गेट पर स्टांप बेचनेवालों से लेकर कोर्ट में जाली स्टांप से जुड़े माफियाओं ने सुबह नौ बजते ही पहुंच कर जाली स्टांप और शपथपत्र नहीं बेचने की हिदायत दी. कई दुकानों से स्टांप को उठा कर लेकर गये. फ्रैंकिंग मशीन पर 60 से 70 हजार रुपये प्रतिदिन बिकनेवाला स्टांप 1.02 लाख तक पहुंच गया, जबकि प्रशासन की तरफ से कार्रवाई नहीं होने पर दोपहर के बाद कई ठिकानों पर जाली स्टांप बिकने लगा.
फ्रैंकिंग मशीन संचालक ने किया खुलासा : फ्रैंकिंग मशीन संचालक ने भी पंचायत चुनाव में जाली स्टांप का प्रयोग धड़ल्ले से होने का खुलासा करते हुए प्रशासन को आवेदन दिया था. इस मामले में कार्रवाई नहीं की गयी. इसका फायदा कारोबारियों को मिला और यह कारोबार समाहरणालय के गेट पर चलने लगा.
अनुमंडल और प्रखंड कार्यालयों पर भी जाली स्टांप : जाली स्टांप का खेल सिर्फ मुख्यालय में ही नहीं है, बल्कि हथुआ अनुमंडल सदर प्रखंड से लेकर सभी अंचलों के पास जाली स्टांप बेचे जा रहे हैं. इसकी जानकारी प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को भी है. उनकी नजर से ही जाली स्टांप गुजर रहे हैं. फिर भी कार्रवाई नहीं होने का मतलब समझना आसान है.
कारोबारियों पर है नजर
जाली स्टांप के कारोबारियों पर नजर रखी जा रही है. छापेमारी के लिए प्रशासनिक स्तर पर आदेश दे दिया गया है. जल्द ही कारोबारी प्रशासन के शिकंजा में होंगे.
शैलेश कुमार दास, एसडीओ, गोपालगंज

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