सज-धज कर घाट तैयार, व्रतियों का इंतजार

महापर्व. छठव्रतियों ने बुधवार को परंपरागत विधि-विधान से किया खरना, व्रती आज देंगे भास्कर को अर्घ गोपालगंज : महापर्व छठ का पहला अर्घ गुरुवार को दिया जायेगा. बुधवार को छठव्रतियों ने नेम, निष्ठा, श्रद्धा और परंपरागत विधि-विधान के साथ खरना पूजा की. चार दिवसीय महापर्व के मौके पर गुरुवार की शाम को श्रद्धालुओं द्वारा अस्ताचलगामी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2017 6:31 AM

महापर्व. छठव्रतियों ने बुधवार को परंपरागत विधि-विधान से किया खरना, व्रती आज देंगे भास्कर को अर्घ

गोपालगंज : महापर्व छठ का पहला अर्घ गुरुवार को दिया जायेगा. बुधवार को छठव्रतियों ने नेम, निष्ठा, श्रद्धा और परंपरागत विधि-विधान के साथ खरना पूजा की.
चार दिवसीय महापर्व के मौके पर गुरुवार की शाम को श्रद्धालुओं द्वारा अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ दिया जायेगा. शुक्रवार को छठव्रती उदीयमान सूर्य को अर्घ प्रदान करेंगे. खरना के मौके पर छठव्रतियों ने दिन भर का उपवास रखने के बाद शाम को सूर्यास्त के बाद पूजा-अर्चना की और खरना प्रसाद के लिए खीर-रोटी, केला व अन्य फल अर्पित करने के बाद स्वयं इसे ग्रहण किया और प्रसाद स्वरूप इसका वितरण किया. इसके साथ ही छठव्रतियों का 36घंटे का निर्जला उपवास भी शुरू हो गया. छठव्रती गुरुवार को अस्ताचलगामी और शुक्रवार को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ देंगे.
पुरोहितों के मुताबिक गुरुवार को शाम 5.15 बजे सूर्यास्त होगा और शुक्रवार 6.05 बजे सूर्योदय होगा.
घाटों पर उमड़ेगा आस्था का सैलाब : महापर्व को लेकर छठ घाट सज-धज कर तैयार हैं. बस, व्रतियों के आने का इंतजार है. शहर के छठ घाटों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. सिरसोपता का जहां रंग-रोगन किया गया है, वहीं आकर्षक लाइट और झालरें लगायी गयी हैं. नोनिया टोली, वीएम, हजियापुर, ब्लॉक मोड़, हलखोरी साह के पोखरा स्थित छठ घाटों को विशेष लुक दिया गया है. घाटों के अलावा वहां पहुंचने वाले संपर्क पथों में सजावट की गयी है. बुधवार को मुख्य पार्षद हरेंद्र कुमार चौधरी, सामाजिक कार्यकर्ता बब्लू पांडेय, संजीव कुमार पिंकी सहित प्रशासन के अधिकारियों ने छठ घाटों की तैयारियों का जायजा लिया. गुरुवार को सभी छठ घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा.
36 घंटे का निर्जला उपवास
छठ मइया की आराधना के लिए व्रत के बहुत कठोर नियम हैं. इस पर्व पर श्रद्धालु 36 घंटे का निर्जला उपवास रखते हैं. छठ के दूसरे दिन यानी खरना की शाम को व्रती पूजा कर प्रसाद ग्रहण करते हैं. उसके बाद वह छठ के चौथे दिन यानी उगते सूर्य को अर्घ देने के बाद ही अन्न-जल ग्रहण करते हैं. इस व्रत में शुद्धता और पवित्रता का भी पूरा ध्यान रखा जाता है. इसकी आभा हर जगह झलक रही है.

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