जोिखम में रहती है मरीजों की जान

उदासीनता. तत्कालीन डीएम ने चार साल पहले आईसीयू का िकया था उद्घाटन गोपालगंज : यूं तो बिहार में दूसरा आईएसओ प्रमाणित मॉडल अस्पताल गोपालगंज है. यहां गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज समय पर हो सके, इसके लिए सदर अस्पताल परिसर में आईसीयू बना. नेशनल हाईवे के करीब होने के कारण तत्कालीन डीएम कृष्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 10, 2017 4:59 AM

उदासीनता. तत्कालीन डीएम ने चार साल पहले आईसीयू का िकया था उद्घाटन

गोपालगंज : यूं तो बिहार में दूसरा आईएसओ प्रमाणित मॉडल अस्पताल गोपालगंज है. यहां गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों का इलाज समय पर हो सके, इसके लिए सदर अस्पताल परिसर में आईसीयू बना. नेशनल हाईवे के करीब होने के कारण तत्कालीन डीएम कृष्ण मोहन ने जून 2013 में आईसीयू का उद्घाटन करा दिया. आईसीयू बनने के बाद कुछ महीनों तक चालू रहा, लेकिन बाद में स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण बंद हो गया. स्वास्थ्य विभाग की सूत्रों की मानें,
तो आईसीयू को चालू करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को कॉर्डियोलॉजी, सर्जन समेत अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है, जो 24 घंटे भर्ती मरीजों की देखभाल और समय पर इलाज कर सके, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है. इसके कारण आईसीयू की महंगी मशीनें खराब हो रही हैं. आईसीयू बंद होने के कारण सड़क दुर्घटना, गंभीर रूप से चोटिल समेत अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को सदर अस्पताल से मेडिकल कॉलेज पटना और गोरखपुर रेफर किया जा रहा है.
आईसीयू बंद होने से क्या-क्या है परेशानी
हार्ट की स्थिति बिगड़ने पर भी इलाज नहीं
आईसीयू बंद होने से रेफर हो रहे हैं मरीज
पटना और गोरखपुर जाने को विवश हैं रोगी
एक्सीडेंट व मारपीट के रोगी हो रहे रेफर
* वातानुकूलित ऑपरेशन थिएटर हुआ बंद
जून, 2013 में हुआ था उद्घाटन : जिले की 26 लाख आबादी का बेहतर इलाज के लिए जून, 2013 में तत्कालीन डीएम कृष्ण मोहन ने आईसीयू का उद्घाटन किया था. उद्घाटन के बाद कुछ महीनों तक आईसीयू चालू रहा, लेकिन डीएम के ट्रांसफर होने के बाद आईसीयू की हालत खराब हो गयी और धीरे-धीरे बंद हो गया. आईसीयू बंद होने के बाद भी नर्स और स्वास्थ्यकर्मी यहां तैनात किये गये हैं. मंडल कारा से आनेवाले वीआईपी कैदियों के लिए आईसीयू आरामगाह बन कर रह गया है. आईसीयू बंद होने के बाद भी कुछ कैदी आये दिन इलाज के नाम पर आईसीयू में भर्ती मिलते हैं. आईसीयू खुलने के बाद सदर अस्पताल के चार डॉक्टरों को प्रशिक्षण के लिए पीएमसीएच समेत अन्य बड़े मेडिकल कॉलेजों में भेजा गया था. प्रशिक्षण प्राप्त डॉक्टर की 24 घंटे ड्यूटी आईसीयू में लगायी गयी थी. कुछ माह पूर्व सदर अस्पताल के डॉक्टरों का तबादला मेडिकल अफसर के रूप में दूसरे जिले में हो गया.
इसके बाद से आईसीयू को स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं मिले हैं.
स्वास्थ्य प्रबंधक से मांगी गयी है रिपोर्ट
सदर अस्पताल की आईसीयू बंद है, इसकी जानकारी नहीं थी. जिला स्वास्थ्य प्रबंधक से रिपोर्ट मांगी गयी है. किस कारण से आईसीयू बंद है इसकी जांच कर जल्द ही मरीजों का इलाज शुरू कराया जायेगा.
डॉ अशोक कुमार चौधरी सीएस,गोपालगंज

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