शहर का माहौल बिगाड़ने में की साजिश तो नहीं !
गोपालगंज : शहर के माहौल को बिगाड़ने में लश्कर की साजिश थी. पिछले वर्ष दुर्गापूजा विसर्जन के दौरान हुए उपद्रव कांड की घटना में धन्नु राजा पर भी प्राथमिकी दर्ज है. तब किसी को अंदाजा नहीं था कि धन्नु का संबंध लश्कर जैसे संगठन से जुड़ा है. एनआईए की कार्रवाई के बाद पुलिस के होश […]
गोपालगंज : शहर के माहौल को बिगाड़ने में लश्कर की साजिश थी. पिछले वर्ष दुर्गापूजा विसर्जन के दौरान हुए उपद्रव कांड की घटना में धन्नु राजा पर भी प्राथमिकी दर्ज है. तब किसी को अंदाजा नहीं था कि धन्नु का संबंध लश्कर जैसे संगठन से जुड़ा है. एनआईए की कार्रवाई के बाद पुलिस के होश उड़े हुए है. पुलिस अब इस साजिश को लेकर चिंता में है. दुर्गापूजा विजर्सन के बाद जिस तरह शहर की माहौल को बिगाड़ने का प्रयास हुआ वह पहली बार ऐसा हुआ था. पुलिस और प्रशासन के लोगों ने मिल कर किसी तरह स्थिति को काबू में किया. तीन दिनों तक शहर दशहत के साये में रहा. लेकिन एनआईए की कार्रवाई से यह सवाल उठने लगा है
कि शहर की माहौल बिगाड़ने में कही लश्कर की साजिश तो नहीं थी. क्योंकि आतंकी संगठनों का मंसा भारत में उपद्रव फैलाने का रहा है. पुलिस अब संभावना जता रही है कि धन्नु राजा जैसे कई सीधे साधे युवाओं को संगठन से जोड़ कर समाज की आपसी शौहार्द को बिगाड़ कर तनाव पैदा कराने में आतंकी संगठनों की भूमिका प्रमुख रही है.
इससे गोपालगंज की घटना को भी इन्कार नहीं किया जा सकता है. नगर थाना कांड संख्या 422/16 में बेदार वख्त उर्फ धन्नु राजा न सिर्फ अभियुक्त था बल्कि उस पर साजिश रचने का भी आरोप है. वैसे इस कांड में दो 201 से अधिक लोग अभियुक्त है. जिसमें 44 वे नंबर पर अभियुक्त धन्नु है. इस कांड में अधिकतर निर्दोश है. अब तक धन्नु को इस कांड में पुलिस गिरफ्तार कर पुछताछ नहीं कर सकी थी. अगर पुलिस गिरफ्तार कर पूछताछ की होती तो शायद इसका खुलासा हुआ होता.