राष्ट्रीय सुरक्षा : एनएसयूआई के धन्नु राजा की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
अवधेश कुमार राजन
गोपालगंज : एनएसयूआई के बेदार बख्त उर्फ धन्नु राजा के लश्कर-ए-तैयबा से संबंध उजागर होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गयी हैं. उत्तर बिहार में लश्कर-ए-तैयबा अपनी जमीन तैयार कर रहा है.इसको लेकर देश की सुरक्षा एजेंसियां तथ्यों को जुटा रही हैं.
धन्नु राजा की गिरफ्तारी के बाद स्थानीय पुलिस भी चौकस हो गयी है. उत्तर बिहार में इससे पहले लश्कर-ए-तैयबा की कोई सक्रियता नहीं थी. धन्नु राजा का संबंध जम्मू-कश्मीर के आतंकियों से होने की आशंका को लेकर एनआईए जांच कर रही है. उसके संपर्क में अभी कई अन्य लोग शामिल हो सकते हैं, जिसको लेकर आईबी और एनआईए की टीम काम कर रही है. वाराणसी में गिरफ्तार लश्कर-ए तैयबा का एजेंट शेख नईम
धन्नु राजा समेत कई अन्य लोगों के संपर्क में था. इस संगठन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को अपने जाल में फंसा कर भारत विरोधी गतिविधि में उपयोग करना है. एनआईए दिल्ली में धन्नु राजा से पूछताछ के बाद अगली कार्रवाई की तैयारी में है. उसकी गिरफ्तारी के बाद बिहार में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
धन्नु राजा के संबंध में खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों को गत 28 नवंबर को वाराणसी से गिरफ्तार लश्कर एजेंट अब्दुल नईम शेख से जानकारी मिली थी.
उसके बाद एक दिसंबर को शहर के सरेया वार्ड नंबर एक के रहनेवाले शोएबुल रहमान के घर से सब्जी लेने के दौरान जादोपुर चौक से एनआईए की टीम ने उसे गिरफ्तार किया था. शेख नईम के पास से एनआईए को भारतीय सेना और देश के कई हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट के नक्शे व तस्वीरें बरामद की गयी हैं. शेख मूल रूप से महाराष्ट्र के औरंगाबाद का रहने वाला है. वह भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर था.
शेख पिछले दिनों कश्मीर समेत देश के विभिन्न राज्यों व शहरों की रेकी कर रहा था. खुफिया एजेंसियों को उसके पास से हिमाचल प्रदेश कैसल स्थित हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के नक्शे व तस्वीरें भी मिली हैं.
बेदार बख्त का नाम नहीं जानते थे लोग धन्नु राजा का नाम बेदार बख्त है, इसकी जानकारी कांग्रेस पार्टी तो दूर आस-पड़ोस के लोगों को भी नहीं थी. इतना ही नहीं, उसका घर सारण जिले के नगर थाने के अफउर गांव में था. इसे भी लोग नहीं जानते थे.
अब परत-दर-परत खुलासे से लोग आश्चर्यचकित हैं. अब्दुल नईम शेख उसे बेदार बख्त के नाम से ही जानता था. खुफिया एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि बेदार बख्त के बारे में जब लश्कर-ए-तैयबा के एजेंट नईम ने खुलासा किया तो 29 नवंबर से ही खुफिया एजेंसियाें ने गोपालगंज में डेरा डाला. अब धन्नु राजा जैसे और कितने लोग संगठन से जुड़े हैं, इसके तथ्यों को जुटाया जा रहा है. गोपालगंज के एसपी मृत्युंजय कुमार चौधरी धन्नु राजा की गिरफ्तारी की पुष्टि के अलावा कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के आतंकियों के संपर्क में होने की संभावना खंगाल रही टीम
पटना की रेकी कर वाराणसी पहुंचा था नईम
गोपालगंज : लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी शेख अब्दुल नईम पटना में महीनों रह कर दानापुर छावनी की रेकी करने के बाद वाराणसी में पहुंचा था. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पटना में मिलिट्री कैंप, हनुमान मंदिर, पटना सिटी के अलावा कई महत्वपूर्ण स्थानों की रेकी कर इसकी सूचना अपने आका को पहुंचा चुका था.
केंद्रीय जांच एजेंसियों की मानें तो नईम वाराणसी में हिंदू नाम से रह रहा था. घाट किनारे धर्मशाला, गेस्ट हाउस में रुकने के दौरान नईम ने छावनी, डीरेका समेत उन स्थानों की भी रेकी की, जहां अमेरिकी व इस्राइली पर्यटक ठहरते हैं. गंगा आरती के दौरान ही वाराणसी में विस्फोट करने की तैयारी थी, क्योंकि गंगा आरती में स्थानीय लोगों के साथ ही साथ विदेशी पर्यटक भी होते हैं.
आतंकी खतरा टला नहीं
नईम के पकड़े जाने के बाद आतंकी हमले का खतरा अभी टला नहीं है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक नईम ने वाराणसी में ठहरने के दौरान सुप्तावस्था में पड़े स्लीपर सेल को सक्रिय किया था. एजेंसियों के लिए स्लीपिंग माॅड्यूल इस समय बड़ी चिंता हैं.