राजनीतिक दलों को मिलने वाला फंड खंगाल रहीं खुफिया एजेंसियां

गोपालगंज : लश्कर-ए-तैयबा के गोपालगंज कनेक्शन का खुलासा होने के बाद देश भर की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गयी है. ऐसे में खुफिया एजेंसियों ने विभिन्न राजनीतिक दलों, एनजीओ, सामाजिक संगठनों को मिलने वाले फंड को खंगालना शुरू कर दिया है. जिसमें राजनीतिक दलों और एनजीओ को मिलने वाली फंडिंग पर नजर रखी जा रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2017 4:21 AM

गोपालगंज : लश्कर-ए-तैयबा के गोपालगंज कनेक्शन का खुलासा होने के बाद देश भर की सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गयी है. ऐसे में खुफिया एजेंसियों ने विभिन्न राजनीतिक दलों, एनजीओ, सामाजिक संगठनों को मिलने वाले फंड को खंगालना शुरू कर दिया है. जिसमें राजनीतिक दलों और एनजीओ को मिलने वाली फंडिंग पर नजर रखी जा रही है.

इसके लिए राष्ट्रीय, लोकल एवं विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष, सचिव, कोषाध्यक्ष, संगठन के उपाध्यक्ष एवं महत्वपूर्ण पदों पर रहने वाले लोगों की कुंडली तैयार की जा रही है. खुफिया सूत्रों की मानें तो गोपालगंज जिले के 94890 से अधिक युवक सऊदी अरब, दुबई, कतर, दोहा, जापान, ईराक, नाईजीरिया, थाईलैंड, मशकट, मलयेशिया, ईरान, दक्षिण अफ्रीका, लंदन जैसे देशों में काम करते हैं, विदेश से सर्वाधिक राशि गोपालगंज में आती है. खुफिया एजेंसियों को इस बात की आशंका है
कि विदेश से आने वाली राशि से कहीं राजनीतिक दलों और एनजीओ और सामाजिक संगठनों को फंडिंग तो नहीं हो रही. पिछले कुछ वर्षों से कई राजनीतिक दल और एनजीओ की बढ़ती हुई सक्रियता को ध्यान में रख कर तथ्यों को खंगाला जा रहा है. पार्टी के नाम पर फेंक करेंसी को खपाने जैसे तथ्य को जुटाया जा रहा है उधर, लश्कर के आतंकी शेख अब्दुल नईम के गोपालगंज में नाम बदल कर सोहैल नाम से रह कर अपना नेटवर्क तैयार करने में विदेशों से सोहैल के खाते में ट्रांजेक्शन सामने आने के साथ ही विदेशों से मिलने वाली फंडिंग पर खुफिया एजेंसियों की नजर है. यहां खुफिया एजेंसियां डेरा डाल कर तथ्यों को जुटाने में लगी हुई हैं.
एनजीओ और सामाजिक संगठनों को मिलने वाले फंड पर भी नजर
लश्कर के नेटवर्क से जुड़ने के बाद हाईअलर्ट पर खुफिया विभाग
संदिग्धों पर रखी जा रही नजर, सुरक्षा एजेंसियों ने भी बरती चौकसी

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