खुलासा . लश्कर का नेटवर्क खंगाल रहीं सुरक्षा एजेंसियां
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सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रच रहा था लश्कर-ए- तैयबा
खुलासा . लश्कर का नेटवर्क खंगाल रहीं सुरक्षा एजेंसियां गोपालगंज : लश्कर-ए- तैयबा के नेटवर्क को खंगालने में जुटी सुरक्षा एजेंसियों के सामने प्रतिदिन परत-दर-परत इनके कारनामे सामने आ रहे हैं. लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी शेख अब्दुल नईम ने गोपालगंज में सोहैल खान बन कर न सिर्फ स्लीपर सेल तैयार किया था बल्कि भीतर-ही-भीतर सामाजिक सौहार्द […]
गोपालगंज : लश्कर-ए- तैयबा के नेटवर्क को खंगालने में जुटी सुरक्षा एजेंसियों के सामने प्रतिदिन परत-दर-परत इनके कारनामे सामने आ रहे हैं. लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी शेख अब्दुल नईम ने गोपालगंज में सोहैल खान बन कर न सिर्फ स्लीपर सेल तैयार किया था बल्कि भीतर-ही-भीतर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की गंभीर साजिश रची जा रही थी.
पूरे उत्तर बिहार में आपस में नफरत का माहौल पैदा किया जा रहा था. पिछले तीन वर्षों की सामाजिक पृष्ठभूमि पर नजर डालें तो स्पष्ट होगा कि छोटे-छोटे कार्यक्रम, जो एक-दूसरे के सहयोग से पूरे होते थे, आज तनातनी के बीच प्रशासन को शांति बहाल करने के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है. इसके लिए लश्कर का मजबूत नेटवर्क युवाओं के जेहन में जहर भरने का काम कर रहा था.
शहर में अक्तूबर ,2016 में दुर्गापूजा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए उपद्रव के पीछे सोहैल खान और बेदार बख्त उर्फ धन्नु राजा की भूमिका प्रमुख रही है. खुफिया एजेंसियों की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. सोहैल खान धन्नु राजा जैसे युवाओं को आगे कर माहौल को बिगाड़ने में जुटा हुआ था. यह महज संयोग है कि प्रशासन की चुस्ती और आपसी भाईचारे और सद्भाव ने इनके मंसूबे पर पानी फेर दिया.
यह ताजा मामला सामने आने के बाद जिले में हुए सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने जैसी घटनाओं की पृष्ठभूमि की गंभीरता से जांच की जा रही है. हालांकि शहर में हुए उपद्रव कांड में पुलिस ने नगर थाने में दर्ज कांड संख्या 422/16 में धन्नु राजा को अभियुक्त भी बनाया गया था.
तीन वर्षों से तेजी से बढ़ रहा था आपसी नफरत का माहौल
दुर्गापूजा में उपद्रव में सोहैल व धन्नु राजा की थी भूमिका
खुफिया एजेंसियों की जांच रिपोर्ट में हुआ इसका खुलासा
नगर थाने की पुलिस के हाथ धन्नु राजा तक नहीं पहुंचे : नगर थाने में दर्ज हुए धन्नु राजा के खिलाफ उपद्रव के मामले में पुलिस के हाथ उसके गिरेबान तक नहीं पहुंच पाये. हालांकि धन्नु राजा कांड में अभियुक्त होने के बाद भी बेखौफ रूप से एनएसयूआई के कार्यक्रमों में शामिल होता रहा. उसके शहर में सक्रिय होने के बाद भी पुलिस गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं जुटा पायी.
एनआईए ने एक दिसंबर को जब उसे गिरफ्तार किया तो धन्नु राजा के कारनामों का धीरे-धीरे पर्दाफाश होने लगा. समय रहते पुलिस ने धन्नु राजा पर निगरानी की होती तो शायद उपद्रव जैसी घटना को रोका जा सकता था.
ग्रामीण इलाकों में भी तैयार था मजबूत नेटवर्क
उपद्रव की घटना सिर्फ शहर में ही नहीं हुई थी बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी जहां-तहां आपसी सौहार्द बिगाड़ने की घटनाएं होती थीं. ऐसी घटनाओं में खर्च होने वाली राशि भी बेदार बख्त जैसे लोग पहुंचाया करते थे. अब पूरी गतिविधियों पर सुरक्षा एजेंसियों की नजर है. समाज में आपसी सौहार्द बिगाड़ने वालों की कुंडली तैयार की जा रही है. संदिग्ध लोग पहले से ही रडार पर हैं. खुफिया एजेंसियां विभिन्न थानों के वैसे लोगों की कुंडली तैयार करने में लगी हैं, जो पिछले दिनों उपद्रव में सक्रिय रहे हैं.
अचानक अकूत संपत्ति वाले भी रडार पर
शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों में अचानक अकूत संपत्ति के मालिक बन बैठे कई लोग रडार पर हैं. भोरे से सुरक्षा एजेंसियां जिन युवकों को उठा कर पूछताछ कर रही हैं. उनसे भी कई चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं. अरबों की संपत्ति खड़ा कर वाई-फाई और कंप्यूटर सिस्टम और वातानुकूलित व्यवस्था से समाज के लोगों में चिंता बनी हुई है. आखिर यहां से कौन सी गतिविधियां चल रही थीं. फिलहाल पूरे मामले में पूछताछ चल रही है.
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