स्कूली वाहनों की रफ्तार पर लगेगा ब्रेक
परिवहन सचिव ने जारी किया निर्देश 40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी स्पीड गोपालगंज : अब स्कूली वाहनों की रफ्तार पर स्पीड गवर्नर का ब्रेक लग जायेगा. इसके लिए परिवहन सचिव ने पत्र भेजकर स्कूली बसों में गति नियंत्रक उपकरण लगाने का निर्देश दिया है. पत्र मिलने के बाद जिले में चलने वाले […]
परिवहन सचिव ने जारी किया निर्देश
40 किमी प्रति घंटे से अधिक नहीं होगी स्पीड
गोपालगंज : अब स्कूली वाहनों की रफ्तार पर स्पीड गवर्नर का ब्रेक लग जायेगा. इसके लिए परिवहन सचिव ने पत्र भेजकर स्कूली बसों में गति नियंत्रक उपकरण लगाने का निर्देश दिया है. पत्र मिलने के बाद जिले में चलने वाले स्कूली वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए जिला परिवहन विभाग सख्त हो गया है. तेज गति से दौड़नेवाले वाहनों पर लगाम लगाने के लिए वाहनों में स्पीड गवर्नर को लेकर जांच-पड़ताल पर विशेष ध्यान दिया जाने लगा है. वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाये जाने से जहां वाहनों की गति नियंत्रित होगी. वहीं दुर्घटनाओं का अंदेशा भी काफी हद तक कम होगा.
वाहनों की विंडस्क्रीन पर वाहन की गति, क्यूआर कोड का वेदर प्रूफ स्टिकर चिपकाना अनिवार्य होगा. फिलहाल स्पीड गवर्नर लगाने के लिए जिले में मारसेडा कंपनी को जिम्मा मिला है. इसके तहत विंध्यवासिनी ट्रेडर्स साधु चौक के पास स्पीड गवर्नर लगाया जायेगा.
स्पीड गवर्नर से तय होगी स्पीड
स्पीड गवर्नर लग जाने से वाहनों में अधिकतम गति तय रहेगी. जहां भी इस नियम का पालन नहीं किया जायेगा, उन पर कार्रवाई होगी. वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाये जाने से गाड़ी की रफ्तार 40 किमी प्रति घंटे तक सीमित होगी.
क्या है स्पीड गवर्नर डिवाइस
स्पीड गवर्नर डिवाइस का वाहनों की गति को कंट्रोल करने के लिए उपयोग किया जाता है. इस डिवाइस को वाहनों में इंजन के साथ लगाया जाता है. स्पीड गवर्नर लगाने के बाद वाहन की गति सीमित हो जाती है. तय गति से ज्यादा पर वाहन नहीं चलाया जा सकता. जांच के दौरान यदि स्पीड गवर्नर डिवाइस में छेड़छाड़ पायी जाती है तो वाहन का फिटनेस प्रमाण-पत्र निरस्त किया जा सकता है.
क्या कहता है विभाग
वाहनों में निर्धारित मापदंड के स्पीड गवर्नर लगवाने से वाहनों की गति नियंत्रण में होगी और दुर्घटनाओं पर लगाम लगेगी. इसके लिए स्कूल संचालकों के साथ जल्द बैठक कर उन्हें उपकरण लगाने का निर्देश दे दिया जायेगा. इसके साथ ही यह डिवाइस लगनी शुरू हो जायेगी.
भूपेंद्र प्रसाद यादव, डीटीओ, गोपालगंज