तिब्बत के ऊपर से गुजर रहा पश्चिमी विक्षोभ, बिगड़ेगा मौसम

दो दिनों तक पुरवा हवा के झकझोरने के बाद बढ़ी तपिश गोपालगंज : मार्च महीने में तापमान औसत से अधिक रहने के बाद अप्रैल की शुरुआत आंधी व बारिश से हो चुकी है. ऐसे में धूप की तेजी में कमी तो आ गयी है, लेकिन वातावरण में बढ़ी नमी ने ऊमस को बढ़ा दिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2018 5:54 AM

दो दिनों तक पुरवा हवा के झकझोरने के बाद बढ़ी तपिश

गोपालगंज : मार्च महीने में तापमान औसत से अधिक रहने के बाद अप्रैल की शुरुआत आंधी व बारिश से हो चुकी है. ऐसे में धूप की तेजी में कमी तो आ गयी है, लेकिन वातावरण में बढ़ी नमी ने ऊमस को बढ़ा दिया है. मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक यह सिलसिला अभी एक-दो दिन जारी रहेगा. पांच अप्रैल तक तेज हवा के साथ हल्की बारिश के भी आसार हैं.
मौसम विशेषज्ञ डॉ एसएन पांडेय ने बताया कि ऊपरी हवा में तिब्बत के ऊपर से पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है. इसका एक हिस्सा उत्तर बिहार के अलावा उत्तर पूर्व में भी है. इसके साथ ही ऊपरी हवा में झारखंड व बिहार के ऊपर एक चक्रवातीय हवा का क्षेत्र भी बना हुआ है. ऐसे में अगले दो दिनों में तेज गति से पुरवा हवाओं के चलने का क्रम जारी रहेगा.
ऊपरी हवा की परिस्थितियों में उत्तर बिहार के कुछ हिस्सों में जमीन पर कम हवा के दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है, जिसके चलते यहां गरज-चमक के साथ हल्की बारिश हो सकती है. हालांकि इसका प्रभाव समूचे बिहार में नहीं रहेगा, लेकिन गोपालगंज और उसके आसपास के क्षेत्र में आसमान में बादल प्रभावी रहेंगे. कुछ स्थानों पर हल्की बारिश के भी आसार हैं.
दो डिग्री बढ़ा अधिकतम तापमान
रविवार को अधिकतम तापमान 34.2 डिग्री रहा, जो 2.1 डिग्री बढ़कर सोमवार को 36.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि, न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री का उछाल हुआ और 19.5 से बढ़कर 22.3 डिग्री पहुंच गया. तापमान में बढ़ोतरी के कारण दोपहर में निकलने वालों के चेहरे झुलसने लगे. धूप से बचने के लिए लोग गमछा, छाता, दुपट्टा से चेहरा ढककर जाते हुए देखे गये.
शीतल पेय और सत्तू की दुकानों पर भीड़
बढ़ते गर्मी को देखते हुए शीतल पेय और सत्तू की दुकानों पर भीड़ देखी गयी. दूरदराज से बाइक और साइकिल से आने वालों को सबसे अधिक धूप का सामना करना पड़ा. शहर में तो भारत बंद के दौरान अधिकतर दुकानें बंद दिखीं, परंतु जो दुकानें खुली थीं उसमें सबसे अधिक भीड़ थी. बेल, सत्तू, आम के जूस के लिए तो लाइन लगी रही.
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बैंकों का खजाना है खाली एटीएम पर भी लगे ताले
कैशलेस नहीं पकड़ रहा रफ्तार
आठ नवंबर, 2016 को नोटबंदी के साथ ही पूरे देश में कैशलेस पर जोर दिया गया था. नोटबंदी के बाद शहर से लेकर गांव तक कारोबारियों को पॉश मशीन दी गयी. अधिकतर पॉश मशीन या तो खराब हो गये या कारोबारी उसे बंद कर दिये. पॉश मशीन से खरीदारी करने पर स्वैप चार्ज 2% कारोबारी ग्राहकों से ले रहे हैं, जिसके कारण ग्राहक पॉश मशीन से कैशलेस खरीदारी से भाग रहे हैं. 2% ग्राहकों पर भारी पड़ रहा है. कारोबारियों का दावा है कि 1.7% बैंक चार्ज के रूप में वसूल रहा है,
जिसके कारण परेशानी हो रही है. कैशलेस के रफ्तार नहीं पकड़ने के पीछे बैकों की मनमानी भी कम नहीं है. सरकार ने इस चार्ज को माफ कर दिया था. इसके बाद भी बैंक ग्राहकों से यह चार्ज वसूल रहा है.

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