एंबुलेंस के अभाव में तड़प-तड़प कर युवक मरा
भोरे : यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. बोलेरो की ठोकर से घायल हुए लहूलुहान हुए भाई को अस्पताल पहुंचाने की मिन्नत एक भाई करता रहा. घायल युवक सड़क पर अपनी एड़ियां रगड़ रहा था. लोग तमाशबीन खड़े रहे. जब कोई मदद नहीं मिली, तो भाई ने हिम्मत जुटा कर घायल को उठाया […]
भोरे : यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है. बोलेरो की ठोकर से घायल हुए लहूलुहान हुए भाई को अस्पताल पहुंचाने की मिन्नत एक भाई करता रहा. घायल युवक सड़क पर अपनी एड़ियां रगड़ रहा था. लोग तमाशबीन खड़े रहे. जब कोई मदद नहीं मिली, तो भाई ने हिम्मत जुटा कर घायल को उठाया और बाइक से अस्पताल पहुंचाया.
गंभीर हालत में डॉक्टरों ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया. उधर अस्पताल में एंबुलेंस नहीं थी. एक घंटे तक घायल युवक तड़पता रहा. किसी ने मदद नहीं की. जब तक एंबुलेंस वहां पहुंची, तब तक घायल की मौत हो चुकी थी. इस हृदय विदारक घटना ने सामाजिक कार्यकर्ताओं और इस सिस्टम के मुंह पर एक करारा प्रहार किया है.
बोलेरो ने मार दी थी बाइक में टक्कर
भोरे थाने के खजुरहां गांव के पास भोरे मीरगंज मुख्य पथ पर शनिवार की शाम लगभग आठ बजे एक तेज रफ्तार बोलेरो ने एक बाइक को पीछे से जोरदार टक्कर मार दी. इस टक्कर के कारण बाइक चला रहा युवक गंभीर रूप से घायल हो गया. वहीं, बोलेरो चालक गाड़ी छोड़ कर फरार हो गया. घायल युवक मीरगंज थाना क्षेत्र के राजघाट गांव के माना यादव का पुत्र रमेश यादव था. जो अपने भाई के साथ अपने गांव से कटेया एक तिलक समारोह में जा रहा था. इस घटना के बाद बुरी तरह से घायल रमेश यादव को अस्पताल ले जाने के लिए उसका भाई लोगों से मिन्नतें करता रहा, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की. एंबुलेंस किसी और मरीज को लेकर दुबवलिया गांव गयी हुई थी.
क्या कहते हैं जिम्मेदार
भोरे रेफरल अस्पताल में एंबुलेंस की कमी है. यहां तीन एंबुलेंस की जरूरत है, लेकिन एक ही एंबुलेंस है. इस कारण समय पर मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. घटना के समय एंबुलेंस दूसरे मरीज को लेकर दुबवलिया गांव गयी हुई थी. इस कारण मरीज को एंबुलेंस नहीं मिल सका.