मांझा के दुलदुलिया की घटना, दूसर पक्ष से भी महिला जख्मी
गोपालगंज : चर्चित वारिश राजा अपहरण कांड में बुधवार की सुबह बच्चे की मां पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया गया. हमले में गंभीर रूप से घायल महिला को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने चिंताजनक स्थिति होने पर मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर किया है. घटना मांझा थाना […]
गोपालगंज : चर्चित वारिश राजा अपहरण कांड में बुधवार की सुबह बच्चे की मां पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला किया गया. हमले में गंभीर रूप से घायल महिला को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने चिंताजनक स्थिति होने पर मेडिकल कॉलेज गोरखपुर रेफर किया है. घटना मांझा थाना क्षेत्र के दुलदुलिया गांव की है.
परिजनों ने आरोप लगाया कि पांच साल के वारिश राजा का चार माह बाद कोई सुराग नहीं मिला. अपहृत बच्चे को ढूंढ़ने निकली मां रुखसाना खातून पर जानलेवा हमला किया गया. देयादिन पर गला रेतकर हत्या करने की कोशिश करने का आरोप है. उधर, महिला की गर्दन पर अधिक जख्म होने के कारण हालत चिंताजनक बतायी गयी है.
वहीं दूसरे पक्ष से फकरुद्दीन की पत्नी शलेया खातून ने मारपीट कर घायल करने का आरोप लगाया है. घटना को लेकर किसी भी पक्ष की ओर से पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की है.
डॉग स्क्वायड से भी नहीं मिला सुराग
दुलदुलिया गांव से छात्र के अपहरण होने के बाद मांझा पुलिस की अनुशंसा पर सारण से डॉग स्क्वायड पहुंचा था. टीम के पुलिस अधिकारियों ने मांझा बाजार, दुलदुलिया समेत कई इलाकों में छानबीन की. पुलिस को इस कार्रवाई में भी विशेष सफलता नहीं मिली. पुलिस ने मांझा समेत कई इलाकों में मासूम वारिश राजा की फोटो चस्पां की है, जिसमें पुलिस अधिकारी और परिजनों का नंबर भी दिया गया है, बावजूद इसके सुराग नहीं मिल सका है.
16 जनवरी को लापता हुआ था वारिश राजा
दुलदुलिया गांव के बदरूद्दीन का पुत्र वारिश राजा गत 16 जनवरी को घर के पास से लापता हुआ था. उसके पिता विदेश में काम करते हैं. पीड़ित पिता के बयान पर ही थाने में अपहरण की प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस कांड अंकित करने के बाद बरौली सीवान के बड़हरिया समेत कई थाना क्षेत्र में खोजबीन की. लेकिन छात्र के बरामदगी करने में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली.
नहीं मिली लिखित सूचना : थानाध्यक्ष
मांझा पुलिस का बयान भी रटा-रटाया आया. थानाध्यक्ष अरविंद कुमार यादव ने पहले तो घटना की जानकारी होने से ही इन्कार किया, बाद में लिखित शिकायत नहीं मिलने की बात कही.