बिहार : आतंकी नईम के सहयोगियों के सक्रिय होने का इनपुट मिलते ही एसआईटी टीम पहुंची गोपालगंज
संजय कुमार अभय गोपालगंज : नईम के सहयोगियों के सक्रिय होने का इनपुट मिलते ही खुफिया एजेंसियां एक बार फिर नईम के नेटवर्क को खंगालने में जुट गयी हैं. सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर अभी कई लोग हैं, जिनका गहरा रिश्ता नईम से है. उनकी कुंडली खुफिया एजेंसियां तैयार करने में लगी हैं. खुफिया एजेंसियां […]
संजय कुमार अभय
गोपालगंज : नईम के सहयोगियों के सक्रिय होने का इनपुट मिलते ही खुफिया एजेंसियां एक बार फिर नईम के नेटवर्क को खंगालने में जुट गयी हैं. सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर अभी कई लोग हैं, जिनका गहरा रिश्ता नईम से है.
उनकी कुंडली खुफिया एजेंसियां तैयार करने में लगी हैं. खुफिया एजेंसियां गोपालगंज में डेरा डाल रखी है. लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शेख अब्दुल नईम भले ही छह माह पूर्व गिरफ्तार होकर दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है, लेकिन उसके द्वारा नेपाल बॉर्डर व उत्तर बिहार में तैयार किया गया स्लीपर सेल सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती बना हुआ है.
शेख अब्दुल नईम सोहैल खान बनकर लश्कर-ए-तैयबा का नेटवर्क गोपालगंज में वर्ष 2014 से फरवरी, 2017 तक रह कर तैयार किया. बता दें कि शेख अब्दुल नईम 2014 में भाग कर गोपालगंज आया और अपना नाम सोहैल खान बदल कर दो नामी स्कूल और कोचिंग में काम करने के बाद खुद अपना स्मार्ट लर्नर एकेडमी खोल कर उसके पीछे लश्कर का स्लीपर सेल तैयार करने में जुटा रहा. जब नईम के गोपालगंज में होने का इनपुट सुरक्षा एजेंसियों को मिला तो उसने गोपालगंज से भाग कर यूपी के वाराणसी में ठिकाना बना लिया था, जहां गत 28 नवंबर, 2017 को गिरफ्तार किया गया.
इसकी गिरफ्तारी के बाद जब खुलासा हुआ तो गोपालगंज में एनआईए की टीम ने छापेमारी कर नईम से जुड़ कर लश्कर के लिए काम करनेवाले सरेया वार्ड नंबर एक के रहने वाले एनएसयूआई से जुड़े वेदार बख्त उर्फ धन्नु राजा को गत एक दिसंबर, 2017 तथा दूसरे साथी खजूरबानी के रहने वाले महफूज आलम को 20 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.