एटीएस की रिमांड पर आया टेरर फंडिंग का मास्टरमाइंड रमेश साह
पूछताछ के पहले करानी होनी मेडिकल जांच रिमांड अवधि 23 जून की सुबह 10 बजे से 30 जून की सुबह 10 बजे तक प्रभावी गोपालगंज : लश्कर-ए- तैयबा के लिए टेरर फंडिंग नेटवर्क के मास्टरमाइंड रमेश साह उर्फ त्यागी का नेटवर्क खंगालने तैयारी में जुटा है एटीएस. लखनऊ स्थित एटीएस के विशेष सीजेएम हिमांशु दयाल […]
पूछताछ के पहले करानी होनी मेडिकल जांच
रिमांड अवधि 23 जून की सुबह 10 बजे से 30 जून की सुबह 10 बजे तक प्रभावी
गोपालगंज : लश्कर-ए- तैयबा के लिए टेरर फंडिंग नेटवर्क के मास्टरमाइंड रमेश साह उर्फ त्यागी का नेटवर्क खंगालने तैयारी में जुटा है एटीएस. लखनऊ स्थित एटीएस के विशेष सीजेएम हिमांशु दयाल श्रीवास्तव के कोर्ट ने आरोपित रमेश साह को एक सप्ताह की पुलिस कस्टडी में रिमांड पर देने का आदेश दिया है. रिमांड अवधि 23 जून की सुबह 10 बजे से 30 जून की सुबह 10 बजे तक प्रभावी होगी. एटीएस के विवेचक दिनेश कुमार शर्मा की ओर से कोर्ट में अर्जी देकर वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अतुल ओझा तथा अभियोजन अधिकारी अवधेश सिंह ने 10 दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की.
अर्जी में कहा गया कि आरोपित रमेश को एटीएस ने गिरफ्तार किया है. आरोपित अपने साथियों के साथ मिलकर पाकिस्तान में बैठे लश्कर-ए तैयबा के हैंडलरों से बात करता था तथा उनके निर्देश पर फर्जी बैंक खाते उपलब्ध कराकर उनमें अवैध धन जमा कराता था. आरोपित पाकिस्तान के हैंडलरों के निर्देश पर बैंकों में जमा धन को पाकिस्तानी एजेंटों को उपलब्ध कराता था. आरोपित से पूछताछ में गोरखपुर व गोपालगंज, सीवान, पं चंपारण, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर में उसके सहयोगियों व संपर्क का पता किया जाना है. एटीएस को रमेश को लेकर विभिन्न स्थानों पर जाना है और यह यात्राएं लंबी भी हो सकती हैं.
एटीएस रमेश से खासकर यह जानने का प्रयास करेगा कि उसके अलावा गिरोह के और कौन सदस्य सीधे पाकिस्तान में बैठे हैंडलर के सीधे संपर्क में थे. रमेश ने कहां-कहां से कितनी रकम हासिल की और उन्हें कहां-कहां ट्रांसफर किया गया. एटीएस को रमेश के कब्जे से उसका मोबाइल फोन व एक डायरी भी मिली है. डायरी से हाथ लगी जानकारियों के आधार पर भी छानबीन की जा रही है.
एटीएस उसके मोबाइल से मिले नंबरों की भी पड़ताल कर रहा है ताकि उससे जुड़े गिरोह के अन्य सदस्यों व मददगारों को भी चिह्नित किया जा सके.
डेंगू से ग्रसित था रमेश साह, फिटनेस रिपोर्ट लेगा एटीएस
यूपी एटीएस ने महाराष्ट्र एटीएस के सहयोग से गोरखपुर टेरर फंडिंग मामले के मास्टरमाइंड रमेश साह उर्फ त्यागी को महाराष्ट्र के पुणे से 19 जून, 2018 को गिरफ्तार किया गया था. रमेश को पुणे से ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया था जिसे कोर्ट के सामने पेश कर शनिवार को सात दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया. एटीएस सूत्रों का कहना है कि पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के बाद अभियुक्त से विस्तृत व गहन पूछताछ करने लिए उसके द्वारा लंबी दूरी की यात्रा करने की जरूरत हो सकती है. अभियुक्त को कुछ दिनों पहले डेंगू हुआ था. इस कारण उसकी फिटनेस रिपोर्ट मिलने के बाद ही पूछताछ के लिए उसे कस्टडी में लिया जायेगा.
नेटवर्क का खास था आलापुर का मुकेश
रमेश का सबसे खास आदमी बिहार का रहने वाला मुकेश था, जिसे उसने किराये का मकान दिलवा कर रखा था. मांझा थाना क्षेत्र के आलापुर के रहने वाले मुकेश के जरिये रमेश बैंक खाते का इंतजाम करता था. मुकेश का काम था पैसे को रमेश के कहने पर नसीम और अरशद तक पहुंचाना. रमेश के इशारे पर पर ही मुकेश ने चेन बी बनायी थी. चेन बी बैंक में फर्जी खाते खुलवाने वालों की थी. जितने खाते खुलते थे इसकी जानकारी रमेश के जरिये ही पाकिस्तानी हैंडलर को होती थी. मध्य पूर्व के देशों से जम्मू-कश्मीर, बिहार, यूपी, केरल व पूर्वोत्तर के कई राज्यों से एक करोड़ रुपये से भी ज्यादा का धन प्राप्त किया गया और निकाल कर भिन्न-भिन्न स्थानों पर वितरित किया गया.
चार माह से रमेश के कॉल का इंतजार कर रही थी एटीएस की टीम
एटीएस ने नये नंबर को भी सर्विलांस पर लिया था और वह इस इंतजार में थी कि रमेश किसी न किसी दिन घर जरूर फोन करेगा. हुआ भी यही. रमेश ने चार दिन पहले मां के पास फोन कर बताया कि वह बीमार है. प्लेटलेट कम हो गया है. अस्पताल में भर्ती है. आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए पैसे का डिमांड किया था. मां ने अब तक उसके लिए कई बार पैसे का इंतजाम किया था. दस लाख रुपये जमीन गिरवी रख कर घरवालों ने दिये थे. उसका वह खुद ब्याज भर रहे हैं. रमेश से बात होने के बाद परिजनों ने अपना मोबाइल बदल दिया. उनको लगा कि मोबाइल बदल देने से पुलिस को चकमा दिया जा सकेगा.
टेरर फंडिंग मास्टरमाइंड की दूसरी पत्नी भूमिगत
मई, 2005 में रमेश की पहली शादी किरण के साथ हुई थी. किरण से दो बच्चे हैं. वहीं दूसरी शादी आरती नामक युवती से उसने की थी. एटीएस के छापे के बाद रमेश साह की दूसरी पत्नी आरती भी गायब हो गयी. पति के पीछे पुलिस के पड़ने की जानकारी होने पर वह किराये के मकान से सारा सामान लेकर कहीं चली गयी. उसके भूमिगत होने से कई सवाल उठे हैं. उसे डर था कि एटीएस उससे भी पूछताछ करे. पांच साल पहले ही परिजनों को रमेश की दूसरी शादी की जानकारी हुई थी. तब तक दूसरी पत्नी से भी दो बच्चे हो गये थे. दूसरी शादी की जानकारी के बाद घर में काफी विवाद हुआ था. इसके बाद रमेश ने घर आना-जाना कम कर दिया था
मां से मांगा पैसा, बदले में पहुंची एटीएस
गोरखपुर से करीब चार महीने महीने से फरार चल रहे रमेश साह ने अपनी मां को कॉल किया. रमेश ने चार दिन पहले मां के पास फोन कर बीमारी का हवाला देते हुए पैसे का डिमांड किया था. उसी कॉल ने उसे एटीएस तक पहुंचा दिया. रमेश को पैसे के बदले एटीएस ने पहुंच कर दबोच लिया. दरअसल रमेश डेंगू से पीड़ित था. उसी फोन कॉल के बाद एटीएस ने रमेश का लोकेशन ट्रेस कर लिया. उसका पुणे में लोकेशन मिला और स्थानीय टीम की मदद से वह गिरफ्त में आ गया.
रमेश साह से बना था त्यागी: शहर के कैथवलिया हजियापुर के रहने वाले हरिशंकर साह उर्फ चंद्रमा के बड़े बेटे रमेश साह ने लश्कर के लिए जब काम शुरू किया तो त्यागी नाम से ख्याति हासिल कर ली. नेटवर्क से जुड़े लोग उसे त्यागी के नाम से ही जानते थे.