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गोपालगंज : कॉपियों की खोज में 18 टीमों का 27 ठिकानों पर छापा, शिक्षकों की भूमिका की चल रही पड़ताल

स्कूल के शिक्षकों और कर्मियों की भूमिका की भी चल रही पड़ताल गोपालगंज/पटना : एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल से गायब 42400 कॉपियों की तलाश में एसआईटी और पुलिस की 18 टीमें कुल 27 ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं. यूपी के कुशीनगर जिले के तमकुही, पडरौना के अलावा सीवान, मोतिहारी तथा शहर के भी कुल […]

स्कूल के शिक्षकों और कर्मियों की भूमिका की भी चल रही पड़ताल
गोपालगंज/पटना : एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल से गायब 42400 कॉपियों की तलाश में एसआईटी और पुलिस की 18 टीमें कुल 27 ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं. यूपी के कुशीनगर जिले के तमकुही, पडरौना के अलावा सीवान, मोतिहारी तथा शहर के भी कुल आठ कबाड़ की दुकानों पर छापेमारी की गयी है.
पुलिस के अधिकारियों ने कबाड़ दुकानों के एक-एक संभावनाओं को खंगाल दिया. पुलिस की टीम अभी छापेमारी में जुटी है. गायब कॉपियों का ठोस सुराग नहीं मिल पा रहा. पुलिस के वरीय अधिकारी आधिकारिक तौर पर कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं. पुलिस सूत्रों की मानें तो हजियापुर के कबाड़ दुकानदार पप्पू कुमार गुप्ता से मिले इनपुट के आधार पर पुलिस की कार्रवाई चल रही है.
एसआईटी अभी कॉपियों के रिकवर होने की उम्मीद में हर बिंदु को खंगाल रही है. सोमवार को पुलिस एएसपी नीरज कुमार सिंह के नेतृत्व में अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की. इंस्पेक्टर जफर जावेद, नगर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर रवि कुमार, सब इंस्पेक्टर ब्रज भूषण सिंह, राजेश कुमार की टीम शहर के कबाड़वालों की ठिकानों पर छापेमारी की. पुलिस की इस छापेमारी से कबाड़वालों में हड़कंप मची हुई है. कबाड़ के कारोबारियों से पूछताछ भी की गयी है.
स्कूल के कर्मी और शिक्षक भी रडार पर : नवादा जिले के मैट्रिक परीक्षार्थियों के कॉपियों की जांच के बाद एसएस बालिका स्कूल के मूल्यांकन केंद्र से गायब कॉपियों में शिक्षक और कर्मी भी जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. कुछ शिक्षकों से पूछताछ हो चुकी है. पूछताछ में सही जवाब नहीं दे पाने वाले कुछ कर्मियों के मोबाइल नेटवर्क को खंगाला जा रहा है. फिलहाल पुलिस तथ्य और आंकड़ों को जुटा रही है, ताकि इन पर कार्रवाई की जा सके.
गायब कॉपियों के दोषी होंगे बर्खास्त!
गोपालगंज : एसएस बालिका प्लस-टू स्कूल के मूल्यांकन केंद्र से नवादा जिले की मूल्यांकित कॉपियों के गायब होने के मामले में दोषी कर्मियों को बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू हो गयी है. शिक्षा विभाग से जिला प्रशासन ने पूरी रिपोर्टतलब की है. प्रशासनिक स्तर पर स्कूल में कार्यरत कई शिक्षक और कर्मी की भूमिका भी संदिग्ध पायी गयी है. इस पर अभी गहन मंथन चल रहा है.
साक्ष्य मिलते ही इन पर कार्रवाई शुरू हो जायेगी. जानकार सूत्रों ने बताया कि स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव की तहरीर पर आदेशपाल छठु सिंह और रात्रि प्रहरी आसपूरण सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. कबाड़ी के दुकानदार ने पुलिस को दिये बयान में छठु सिंह से 8500 रुपये में कॉपियों की खरीदने की बात स्वीकारी है. इस मामले में अभी जांच चल रही है. विभागीय जांच के दायरे में कई लोग शामिल हैं.
नहीं मिलीं कॉपियां तो बढ़ेगी परेशानी
कॉपियों के नहीं मिलने से छात्रों के भविष्य पर संकट बना हुआ है. माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव उमेश पांडेय बताते हैं कि मैट्रिक का रिजल्ट कल आनेवाला है.
अगर कोई छात्र रिजल्ट में फेल हो गया और वह दावा करता है कि कॉपियों की जांच करायी जाये, मेरा नंबर अधिक है तो ऐसी स्थिति में कॉपी के बीना रिजल्ट देना मुश्किल हो जायेगा. इसके लिए बिहार बोर्ड को अहम निर्णय लेने की जरूरत है.
यूपी के तमकुही व पडरौना के अलावा सीवान और मोतिहारी में भी छापे
शहर में कबाड़ की आठ दुकानों को पुलिस अधिकारियोंने खंगाला
शहर के होटलों के खंगाले गये रिकॉर्ड
मैट्रिक परीक्षा के मूल्यांकन के दौरान शहर के होटलों में ठहरने वाले लोगों की रिकॉर्ड को खंगाली गयी, जिसमें मूल्यांकन के अवधि में होटल में नवादा और आसपास के जिलों के कौन-कौन से लोग ठहरे, इसकी पड़ताल की गयी. कॉपियों के गायब होने के पीछे कहीं शिक्षा माफियाओं के हाथ तो नहीं, इसको लेकर अधिकारी गहनता से जांच कर रहे हैं. शहर के छोटे-बड़े सभी होटलों की जानकारी को लेकर पड़ताल की जा रही है.
हर संभावना पर हो रही जांच : डीएम
डीएम अनिमेष कुमार पराशर ने कहा है कि कॉपी गायब होने के मामले में जांच चल रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. जांच में जो भी दोषी होंगे, उन पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी. अधिकारी हर बिंदु की जांच कर रहे हैं. हर संभावना पर जांच चल रही है. एसपी साहब के साथ मैं खुद मूल्यांकन केंद्र की स्थिति की जानकारी ले रहा हूं. कार्रवाई की जद में कई लोग आ सकते हैं.
घोटालों के बाद बिहार बोर्ड बना रहा गड़बड़ियों का रिकॉर्ड
घोटालों के लिए सुर्खियों में रही बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) में गड़बड़ियों का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
इंटरमीडिएट में भारी पैमाने पर गड़बड़ी के बाद मूल्यांकन केंद्र से मैट्रिक परीक्षा की करीब 42,400 उत्तर पुस्तिकाएं गायब होने के बाद बोर्ड एक बार फिर सुर्खियों में है. अब सिमुलतला आवासीय विद्यालय की मुख्य प्रवेश परीक्षा का एडमिट कार्ड निर्गत करने में गड़बड़ी प्रकाश में आयी. इस कारण चार अभ्यर्थी परीक्षा से वंचित रहे.
कुल मिला कर पिछले चार-पांच वर्षों के दौरान बिहार बोर्ड के नाम तरह-तरह की गड़बड़ियां, फर्जीवाड़े व घोटाले रहे. इनमें टॉपर घोटाला, नियुक्ति घोटाला, संबद्धता घोटाला, करीब 20 हजार विद्यार्थियों का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन आदि शामिल हैं. ये घोटाले पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर के कार्यकाल में हुए थे. हालांकि वर्तमान में भी तरह-तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही हैं.
टॉपर घोटाला: वर्ष 2016 में हुए इस घोटाले में परीक्षार्थी की उत्तरपुस्तिका व परीक्षा केंद्र ही बदल दिया गया था. इसके साथ ही अयोग्य परीक्षार्थी को टॉपर बना दिया गया था. यह कारनामा इंटरमीडिएट साइंस के साथ ही कॉमर्स व आर्ट्स में भी किया गया था. टॉपर घोटाले से संबंधित मामला अभी कोर्ट में चल रहा है. दूसरी ओर वर्ष 2017 में आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार का फर्जीवाड़ा प्रकाश में आया था. गणेश कुमार ने वर्ष 1992 में कॉमर्स से इंटर की परीक्षा पास की थी.
नियुक्ति घोटाला: बोर्ड में संविदा पर कर्मियों की नियुक्ति की गयी थी. इसमें अयोग्य अभ्यर्थियों को नियुक्त कर लिया गया था. उनमें से कई कर्मियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी थी.
टेंडर घोटाला: मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए कम गुणवत्ता वाले कागज की कॉपियां छपवायी गयी थीं, जबकि उसका टेंडर महंगी दर पर किया गया था. इसके अलावा अग्नि शमन यंत्र, सीसीटीवी कैमरे आदि लगाने में भी वित्तीय अनियमितता बरती गयी थी.
संबद्धता घोटाला: ऐसे स्कूल-कॉलेजों को संबद्धता दे दी गयी थी, जो आवश्यक शर्तों व मानकों को पूरा नहीं करते थे. ऐसे स्कूल-कॉलेजों की संख्या 213 थी. स्थल जांच के क्रम में इसका खुलासा हुआ.
रजिस्ट्रेशन में फर्जीवाड़ा: सत्र 2016-17 के दौरान करीब 20 हजार विद्यार्थियों का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराया गया था. मामला प्रकाश में आने के बाद बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष ने ऐसे विद्यार्थियों के मैट्रिक परीक्षा का फॉर्म भरने पर रोक लगा दी थी. जानकारी के अनुसार फर्जी रजिस्ट्रेशन के अधिकांश मामले वैशाली व नालंदा जिले में स्थित स्कूलों से थे.

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