गोपालगंज : नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म कर जिंदा जलाने के दोषी करार दिये गये अभियुक्त को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने शनिवार को फांसी की सजा सुनायी. बिहार में पोक्सो एक्ट के तहत फांसी दिये जाने की यह पहली सजा बतायी जा रही है. मालूम हो कि दोषी अभियुक्त ने नाबालिग बच्ची को गोपालगंज से अगवा कर गुजरात के बड़ोदरा ले गया. वहां उसने दुष्कर्म करने के बाद जिंदा जला दिया था.
जानकारी के मुताबिक, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 भरत तिवारी की अदालत मेंशनिवार को नाबालिग से दुष्कर्म कर जिंदा जलाने के मामले की सुनवाई हुई. साथ ही सजा का ऐलान किया गया. फांसी की सजा सुनाये जाने के बाद दोषी करार दिये गये अभियुक्त को कड़ी सुरक्षा में चनावे जेल भेजा गया.
क्या है पूरा मामला
मांझा थाने के पिपरा गांव की सिम्मी (बदला नाम) का नौ मार्च, 2017 को अपहरण कर लिया गया था. अपहरण के समय नाबालिग बच्ची अपनी दो अन्य बहनों के साथ सो रही थी. बहनों ने उसके गायब होने की सूचना दी. अभी परिवार के लोग उसकी खोजबीन कर ही रहे थे कि मांझा थाने की पुलिस ने 20 अप्रैल को सूचना दी कि गुजरात के बड़ोदरा जिले के मकरपुरा थाने में नाबालिग का जला हुआ शव बरामद किया गया है. 19 अप्रैल, 2017 की रात किरोसिन छिड़क कर नाबालिग की हत्या कर दी गयी थी.
मांझा थाने में पिता ने दर्ज करायी थी प्राथमिकी
मांझा थाने में कांड संख्या 67/2017 नाबालिग बच्ची के पिता ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए मांझा थाने के कर्णपुरा गांव के अजित कुमार को नामजद आरोपित किया था. इस मामले में पुलिस ने अजित कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. आरोप पत्र दायर होने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1 की अदालत ने शनिवार को सजा सुनायी.