एसएस बालिका प्लस टू स्कूल से कॉपियों के गायब होने का मामला
पुलिस डायरी में कॉपी बेचने में संलिप्त मिले स्कूल के प्राचार्य गोपालगंज : एसएस बालिका प्लस टू स्कूल के मूल्यांकन केंद्र के स्ट्रांग रूम से गायब 42400 कॉपियों के मामले में सीजेएम विश्व विभूति गुप्ता की कोर्ट में प्राचार्य समेत पांच आरोपितों ने जमानत के लिए याचिका दाखिल किया था. सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष […]
पुलिस डायरी में कॉपी बेचने में संलिप्त मिले स्कूल के प्राचार्य
गोपालगंज : एसएस बालिका प्लस टू स्कूल के मूल्यांकन केंद्र के स्ट्रांग रूम से गायब 42400 कॉपियों के मामले में सीजेएम विश्व विभूति गुप्ता की कोर्ट में प्राचार्य समेत पांच आरोपितों ने जमानत के लिए याचिका दाखिल किया था. सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपने पक्ष को रखा. कोर्ट को पुलिस की तरफ से डायरी उपलब्ध करा दी गयी थी. कांड के अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर ब्रजभूषण सिंह कोर्ट नहीं पहुंचे. कोर्ट ने इस मामले में जमानत के बिंदु पर मंगलवार को पुन: सुनवाई की तिथि मुकर्रर की.
कोर्ट भी इस कांड में काफी संजीदा हैं. एसएस बालिका के प्राचार्य प्रमोद श्रीवास्तव, अदेशपाल छठु सिंह, रात्रि प्रहरी आसपूरण सिंह, कबाड़ व्यावसायी पप्पू गुप्ता और वाहन चालक संजय प्रसाद की जमानत याचिका दाखिल की गयी है. पुलिस के तरफ से दाखिल किये गये डायरी में कई नये तथ्य सामने आये हैं. पुलिस जांच में पाया है कि स्कूल के स्ट्रांग रूम से गायब कॉपियों में टॉपर का भी कॉपी शामिल हैं. कोर्ट को बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपना तर्क देकर खुद को बेकसूर बताकर जमानत की अपील की.
क्या है मामला
एसएस बालिका प्लस टू स्कूल में नवादा जिले के मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए केंद्र बनाया गया था. मूल्यांकन केंद्र से 42400 कॉपियां गायब हो गयीं. बिहार बोर्ड के दो कर्मी जब टॉपर छात्रों की कॉपी लेने 15 जून को पहुंचे तो टॉपर छात्रों की भी कॉपियां नहीं मिली. टॉपर छात्रों की 12 कॉपी नहीं मिलने के बाद मामला खुलकर सामने आया. 17 जून को प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने आदेशपाल और रात्रि प्रहरी को नामजद करते हुए नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी. 19 जून को बिहार बोर्ड ने प्राचार्य को तलब कर पूछताछ की. जहां कई बार बयान बदलने के बाद उन्हें पुलिस के हिरासत में दे दिया गया था. इस मामले में अब तक पांच लोग गिरफ्तार कर जेल जा चुके हैं. पुलिस चार राज्यों में छापेमारी कर वापस लौट चुकी है. पुलिस के हाथ कॉपी नहीं लगी हैं.
टॉपर की कॉपी गायब होने के पीछे क्या है राज
कोर्ट के सामने आदेशपाल छठु सिंह के अधिवक्ता शारीक इमाम ने कहा कि यह इतेफाक नहीं हो सकता. गायब कॉपियों में टॉपर छात्र का भी कॉपी शामिल हैं. पुलिस की डायरी से स्पष्ट हुआ है कि प्राचार्य को आदेशपाल ने ताला बंद कर चाबी दे दिया था. चाबी देने की बात विद्यालय के कर्मियों ने स्वीकार भी किया हैं. प्राचार्य ने ही अपने मोबाइल से फोन कर कबाड़वाले को बुलाया हैं. कई साक्षियों ने इस बात को पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया.