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विशंभरपुर गाइड बांध पर नदी का बढ़ा दबाव
यूपी के अहिरौलीदान से लेकर भसही तक हो रहा कटाव कालामटिहनिया : कुचायकोट प्रखंड के कालामटिहनिया पंचायत के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. नारायणी नदी के घटते बढ़ते जल स्तर से लोगों की नींद उड़ी हुई है. विशंभरपुर में नदी के सीधे अटैक की संभावना बन रही है. नदी का दबाव विशंभरपुर में बढ़ा […]
यूपी के अहिरौलीदान से लेकर भसही तक हो रहा कटाव
कालामटिहनिया : कुचायकोट प्रखंड के कालामटिहनिया पंचायत के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. नारायणी नदी के घटते बढ़ते जल स्तर से लोगों की नींद उड़ी हुई है. विशंभरपुर में नदी के सीधे अटैक की संभावना बन रही है.
नदी का दबाव विशंभरपुर में बढ़ा हुआ है, जिससे गाइड बांध व विशंभरपुर हाईस्कूल, विशंभरपुर बाजार, फुलवरिया, फिल्ड पर का गांव नदी के निशाने पर आ गया है. लोग सहमे हुए है. सबसे गंभीर स्थिति यूपी के बॉर्डर अहिरौलीदान से लेकर भसही तक का है. यहां नवनिर्मित बांध के समीप कटाव पहुंच चुकी है. अहिरौलीदान में कटाव नहीं रुका तो सलेहपुर गांव के तबाह होने से रोकने में मुश्किल होगी. सलेहपुर के लोगों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं.
नदी का रुख दिनों दिन भयावह की ओर बढ़ता जा रहा है. दियारा के अधिकतर लोग अपने घरों से सामान को सुरक्षित करने में जुटे हुए है. लोगों का मानना है कि नेपाल में बारिश अगर जोरदार हुई तो इस बार भी दियारा में तबाही मच सकती है. नदी के रुख से तटवर्ती इलाके में रहने वाले लोग खासे चिंतित है. लगभग 30 हजार की आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. वैसे जिले के छह प्रखंडों में कुल दो लाख 35 हजार लोगों पर बाढ़ का खतरा है.
कचहरी टोले में उजड़ रही गृहस्थी
यूपी के सीमावर्ती इलाके के कचहरी टोला में तीन दर्जन लोगों की गृहस्थी उजड़ गयी. लोग अपने घरों को तोड़कर सामान को सुरक्षित करने में लगे है. नतीजा है कि पूरा टोला उजड़ गया. नदी गांव के चौखट तक पहुंच गयी है. जिस गति से कटाव चल रहा इस पर लगाम कसना यूपी सरकार के बस में नहीं दिख रहा है. कटाव रोकने के प्रति यूपी प्रशासन सुस्त पड़ा हुआ है. इसका खामियाजा बिहार के दर्जनों गांवों को भुगतना पड़ सकता है.
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