गड़बड़झाला: अल्पावास गृह से गायब युवतियां लौटकर नहीं पहुंचीं अपने घर, जानें क्या है मामला

जांच में परत दर परत हो रहा खुलासानौ माह के बाद आखिर क्यों दर्ज हुई प्राथमिकी उठने लगे सवालतत्कालीन जिला प्रशासन के जिम्मेवार लोगों पर उठ रही उंगली सत्येंद्र पांडेय गोपालगंज : अल्पावास गृह से गायब युवतियां लौटकर घर नहीं पहुंची हैं. युवतियां कहां गायब हो गयी यह आज भी जांच का विषय बना हुआ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2018 12:28 AM

जांच में परत दर परत हो रहा खुलासा
नौ माह के बाद आखिर क्यों दर्ज हुई प्राथमिकी उठने लगे सवाल
तत्कालीन जिला प्रशासन के जिम्मेवार लोगों पर उठ रही उंगली

सत्येंद्र पांडेय

गोपालगंज : अल्पावास गृह से गायब युवतियां लौटकर घर नहीं पहुंची हैं. युवतियां कहां गायब हो गयी यह आज भी जांच का विषय बना हुआ है. पुलिस की टीम परिजनों से पूछताछ कर लौट चुकी है. पुलिस युवतियों की तलाश में खाक छान रही है. उधर, युवतियों के गायब होने के मामले में जिला प्रशासन गंभीर है. युवतियों के गायब होने के नौ माह बाद प्राथमिकी दर्ज कराये जाने से तत्कालीन अधिकारियों पर सवाल उठने लगा है. जागो गोपालगंज मंच के संयोजक ओमप्रकाश सिंह के अलावे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इफ्तेखार हैदर ने भी सवाल उठाते हुए इस पूरे मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की है. अधिकारियों ने युवतियों के गायब होने के साथ ही अगर गंभीरता दिखायी होती तो तत्काल प्राथमिकी दर्ज हुआ होता और युवतियों की बरामदगी पुलिस के लिए आसान होता. आखिर युवतियां फरार हो गयी या उन्हें भी मुजफ्फरपुर की तरह कहीं गायब तो नहीं कर दिया गया. युवतियों के गायब होने के मामले में मुजफ्फरपुर का स्कैंडल सामने आने के बाद कार्रवाई का होना भी सवाल खड़ा करता है.

पुलिस की टीम युवतियों की तलाश में जुटी : जिला अल्पावास गृह से फरार दोनों लड़कियों की तलाश के लिए गठित पुलिस टीम के अनुसंधानकर्ता अनिल कुमार की टीम ने कटेया के कई गांवों में छापेमारी की है. गायब लड़कियों में कटेया के खदही गांव की दूजा कुमारी व भोरे गांव की अनुराधा कुमारी के घर जाकर परिजनों का बयान रिकाॅर्ड किया है. इन दोनों लड़कियों के बारे में परिजनों ने जो बताया उससे अल्पावास गृह में गड़बड़झाला से इन्कार नहीं किया जा सकता.

क्या है पूरा मामला
अल्पावास केंद्र की पुनर्वास पदाधिकारी सुनिती कुमारी ने नगर थाने में गत मंगलवार की देर शाम प्राथमिकी दर्ज करायी है. पुनर्वास पदाधिकारी के अनुसार दोनों लड़कियां पांच अक्तूबर 2017 की रात में फरार हुई थीं. छह अक्तूबर को मामले की सूचना नगर थाने में दी गयी थी. लेकिन, पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर फरार लड़कियों को ढूंढ़ना उचित नहीं समझा. अब तक उन दोनों लड़कियों का कोई सुराग नहीं मिल सका है. परिजनों से संपर्क करने की कोशिश भी पुलिस और अल्पावास केंद्र के अधिकारियों ने नहीं की. मुजफ्फरपुर में हुई घटना के बाद अल्पावास केंद्र के अधिकारियों ने प्राथमिकी दर्ज करायी.

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