बस स्टैंड को हाईटेक बनाने की डीपीआर फाइलों में कैद

नगर पर्षद तीन वर्षों में दो बार करा चुका है डीपीआर के लिये सर्वे गोपालगंज : मेगा सिटी की तरह गोपालगंज का भी बस स्टैंड हाईटेक बनेगा. सुविधाओं का अंबार होगा और यहां से यात्रा करना आसान होगा. सुविधाओं का यह सब्जबाग नगर पर्षद पिछले तीन साल से जिलावासियों को दिखा रहा है. सुविधाओं की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2018 4:21 AM

नगर पर्षद तीन वर्षों में दो बार करा चुका है डीपीआर के लिये सर्वे

गोपालगंज : मेगा सिटी की तरह गोपालगंज का भी बस स्टैंड हाईटेक बनेगा. सुविधाओं का अंबार होगा और यहां से यात्रा करना आसान होगा. सुविधाओं का यह सब्जबाग नगर पर्षद पिछले तीन साल से जिलावासियों को दिखा रहा है. सुविधाओं की बातें तो एक सपना ही रह गयी हैं, उल्टे स्टैंड की हालात पहले की अपेक्षा और बदतर हो गयी है. पिछले तीन वर्षों से नप राजेंद्र बस स्टैंड को हाइटेक बनाने के लिये डीपीआर बनवा रहा है, लेकिन यह डीपीआर फाइलों में कैद होकर रह गया है. गौरतलब है कि नगर पर्षद को सबसे अधिक आय देनेवाला बस स्टैंड अब तक उपेक्षित रहा है. प्रति वर्ष करीब एक करोड़ का राजस्व बस अड्डे से प्राप्त होता है. अब सवाल उठता है कि आखिर नप का यह डीपीआर पूरा होने में और कितने वर्ष लगेंगे.
असुविधा का दंश झेल रहा स्टैंड : जिला मुख्यालय का राजेंद्र बस स्टैंड विगत डेढ़ दशक से असुविधा का दंश झेल रहा है. बारिश होते ही स्टैंड परिसर कीचड़ और जलजमाव में तब्दील हो जाता है. यात्रियों के ठहरने के लिए जगह नहीं है. पानी, शौचालय और लाइट की व्यवस्था भी नदारद है. पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. इससे इस समय स्टैंड की हालत काफी खराब हो गयी है. यात्रियों को खड़ा होने की भी जगह नहीं मिल रही है. सबसे अधिक परेशानी महिला यात्रियों व बच्चों को हो रही है.
दो बार बन चुकी है डीपीआर : बस स्टैंड को लेकर दो बार डीपीआर बन चुका है. वर्ष 2016 में दिल्ली की एक कंपनी ने स्टैंड के लिये 3.5 करोड़ का डीपीआर बनाया, लेकिन न तो उसके लिये राशि मिली और न काम हो सका. शुरू में बस अड्डे को शहर से बाहर बनाने का निर्देश सरकार ने दिया था. इसके लिए बंजारी में कम-से-कम पांच एकड़ जमीन अधिगृहीत करनी थी. भूमि का अधिग्रहण डीएम के स्तर पर होना था, जो नहीं हो सका.
पुन: नप ने राजेंद्र नगर बस अड्डे को ही विकसित करने का निर्णय लेकर दुबारा डीपीआर बनवाने के लिये मार्च 2018 में दिल्ली की ही एक कंपनी से सर्वें कराया, लेकिन आज तक फाइनल डीपीआर नप को नहीं मिला.
बस स्टैंड में इन सुविधाओं को बहाल करने की थी योजना
यात्रियों और बस स्टाफ के लिये विश्रामालय
मल्टीपलेक्स बिल्डिंग का निर्माण और दुकान खुलवाना
आधुनिक शौचालय और शुद्ध पेय जल की सुविधा
प्रकाश की उत्तम व्यवस्था और सीसीटीवी लगाना
बस स्टैंड में हाईटेक विवाह भवन का निर्माण
टाइल्सयुक्त फर्श का निर्माण
बोले मुख्य पार्षद
बस स्टैंड के मॉडर्न निर्माण के लिए प्रयास जारी है. दोबारा आये डीपीआर में त्रुटि थी. अब तक उस कंपनी ने डीपीआर नहीं भेजा है. जल्द ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जायेगा.
हरेंद्र कुमार चौधरी, मुख्य पार्षद, नप, गोपालगंज.

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