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गोपालगंज के महिला अल्पावास गृह से गायब हुई थीं दो युवतियां, तत्कालीन थानाध्यक्ष को किया निलंबित

गोपालगंज : अल्पावास गृह गोपालगंज से दो युवतियों के गायब होने के मामले में सारण के डीआईजी विजय कुमार वर्मा ने नगर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर संजय कुमार को निलंबित कर दिया है. वह अभी छपरा में तैनात हैं. जादोपुर रोड स्थित महिला अल्पावास गृह से पांच अक्तूबर, 2017 की रात निकली कटेया के […]

गोपालगंज : अल्पावास गृह गोपालगंज से दो युवतियों के गायब होने के मामले में सारण के डीआईजी विजय कुमार वर्मा ने नगर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर संजय कुमार को निलंबित कर दिया है. वह अभी छपरा में तैनात हैं.
जादोपुर रोड स्थित महिला अल्पावास गृह से पांच अक्तूबर, 2017 की रात निकली कटेया के खदही गांव की दूजा कुमारी व महाराष्ट्र के ठाणे की अनुराधा गायब हो गयीं. अल्पावास गृह की कर्मी सुनिधि कुमारी ने इसकी सूचना नगर थाने को दी. लेकिन तत्कालीन थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर संजय कुमार ने सनहा दर्ज करने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की. मामले को दबा दिया गया. प्रभात खबर ने सात अगस्त को इस आशय की खबर प्रकाशित की थी.
जब मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड सामने आया तो जिला प्रशासन सख्त हुआ और आनन-फानन में 25 जुलाई को दोनों युवतियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विश्व विभूति गुप्ता के कोर्ट से किये गये जवाब तलब के बाद इस मामले में इंस्पेक्टर को प्रथमदृष्टया कार्रवाई नहीं करने का दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया गया है.
प्रभात खबर ने आठ अगस्त को इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया था.लापरवाही के आरोप में पुलिस इंस्पेक्टर निलंबित : मुजफ्फरपुर. स्वाधार केंद्र से 11 महिलाओं व चार बच्चों के गायब होने के मामले में किशोर पुलिस इकाई सह मानव व्यापार कोषांग में पदस्थापित पुलिस इंस्पेक्टर विनोद कुमार को निलंबित कर दिया गया है. लापरवाही सामने आने पर एसएसपी हरप्रीत कौर ने उन्हें निलंबित किया है. विनोद स्वाधार गृह निरीक्षण टीम में शामिल थे.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड : सीबीआई की मदद करेंगे बिहार पुलिस के अधिकारी
पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म कांड की सीबीआई जांच ने रफ्तार पकड़ी है. मंगलवार को पटना से सीबीआई की दूसरी टीम मुजफ्फरपुर रवाना हुई. इसके अलावा, सीबीआई के अधिकारियों को जांच में मदद करने के लिए बिहार पुलिस के अधिकारी दिये गये हैं. सीबीआई की मांग पर ऐसा हुआ है. इसमें इंस्पेक्टर, एएसआई, एसआई स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं. चर्चा तो यहां तक है कि कॉल डिटेल में कई रसूखदारों के नंबरों पर बात करने का खुलासा हुआ है.
अधिकारियों की लापरवाही से हुआ मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड : पटना. मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड का मामला अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा है. इसका खुलासा समाज कल्याण विभाग की आंतरिक जांच में हुआ है. इसमें स्पष्ट हुआ है कि बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी), बाल संरक्षण अधिकारी, बाल संरक्षण पुलिस पदाधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने नियमावली के अनुसार काम नहीं किया.
साथ ही इस गृह का नियमानुसार निरीक्षण भी नहीं किया. समाज कल्याण विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यदि नियमानुसार जिम्मेदार अधिकारी और संस्थाएं समय-समय पर इसका निरीक्षण कर रिपोर्ट देती रहतीं तो भी ऐसा नहीं होता जो हुआ.
टिस के अधिकारियों को सर्वेक्षण के दौरान ही पीड़िताओं ने अपनी आपबीती बतायी होगी तभी उसका जिक्र टिस ने अपनी रिपोर्ट में किया. इसका अर्थ है कि पीड़िताओं को अपना दर्द बयां करने के लिए सही व्यक्ति और मौका ही नहीं मिल पा रहा था. उन्हें जैसे ही मौका मिला उन्होंने शिकायत की.
इसलिये समाज कल्याण विभाग अब फिर से नियमावली को सुचारू तरीके से लागू कराने के लिए सभी जिले के डीएम सहित अन्य अधिकारियों को पत्र लिख रहा है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि सभी शेल्टर होम्स का तय समय पर निरीक्षण बहुत आवश्यक है. साथ ही इन सभी के लिए बेहतर व्यवस्था बनाये जाने पर भी मंथन चल रहा है.
समस्तीपुर में सहारा वृद्धाश्रम का अनुबंध रद्द : समस्तीपुर. शहर के आजाद चौक स्थित मनोरमा लेन में संचालित सहारा वृद्धाश्रम में जिला प्रशासन की टीम ने मंगलवार को दबिश दी. इस दौरान टीम में शामिल पदाधिकारियों ने आश्रम के अभिलेखों की जांच की
इसके बाद पदाधिकारियों ने आश्रम के सामान को जब्त कर लिया. संस्था को मिले आठ लाख रुपये में से शेष बची राशि वापसी की कवायद शुरू कर दी गयी है. आश्रम का संचालन आदर्श महिला शिल्प कला केंद्र, समस्तीपुर के माध्यम से किया जा रहा था. एनजीओ के सचिव रामाशंकर सिंह बताये जाते हैं.
समस्तीपुर का यह आश्रम मुजफ्फरपुर में चर्चित बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर की मां मनोरमा देवी के नाम पर बने भवन में संचालित हो रहा था.
मंगलवार की दोपहर जिला प्रशासन की ओर से डीडीसी वरुण कुमार मिश्रा, अपर समाहर्ता सह सामाजिक सुरक्षा कोषांग प्रभारी मोना झा और सदर एसडीओ अशोक कुमार मंडल का काफिला मनोरमा लेन पहुंचा. पदाधिकारियों ने वहां संचालित सहारा वृद्धाश्रम के कार्यालय में दस्तक दी. यहां मौजूद कर्मचारियों से पूछताछ की गयी. आश्रम के अभिलेखों को खंगाला गया.
पदाधिकारियों ने जांच के बाद कर्मियों को बताया कि वृद्धाश्रम का अनुबंध निदेशालय की ओर से रद्द कर दिया गया है. आश्रम के सामान को जब्त कर उसकी सूची बनाने का आदेश कर्मचारियों को दिया गया. इसके लिए मनोरमा लेन में दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर दी गयी है.

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