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गोपालगंज : निजी स्कूलों को मात दे रहा सरकारी विद्यालय
अवधेश कुमार राजन अंग्रेजी पाठ्यक्रम से होती है पढ़ाई, स्कूल नहीं पहुंचा छात्र तो मिलता है एसएमएस गोपालगंज : यह चौंकाने वाली बात है, पर सोलह आने सच. एक ऐसा सरकारी स्कूल जिसकी कल्पना शायद प्रधानमंत्री ने की है. प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर इंतजाम. यहां छात्र न सिर्फ अंग्रेजी पाठ्यक्रम से पढ़ाई कर रहे […]
अवधेश कुमार राजन
अंग्रेजी पाठ्यक्रम से होती है पढ़ाई, स्कूल नहीं पहुंचा छात्र तो मिलता है एसएमएस
गोपालगंज : यह चौंकाने वाली बात है, पर सोलह आने सच. एक ऐसा सरकारी स्कूल जिसकी कल्पना शायद प्रधानमंत्री ने की है. प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर इंतजाम. यहां छात्र न सिर्फ अंग्रेजी पाठ्यक्रम से पढ़ाई कर रहे हैं, बल्कि प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं. इसके लिए सरकार का एक रुपया भी खर्च नहीं है. यहां कार्यरत शिक्षकों की सोच ने माहौल को बदल दिया है. यह राज्य के लिए नजीर के रूप में देखा जा रहा है.
जिला मुख्यालय से 16 किमी दूर कुचायकोट प्रखंड के बेलबनवा में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय एनएच-28 के किनारे स्थित है. यहां पढ़ने वाले छात्र किसी कारण से स्कूल नहीं पहुंचा तो उनके अभिभावक के मोबाइल पर एसएमएस पहुंचता है कि आपका बच्चा स्कूल नहीं आया. जेब काटू शिक्षा प्रणाली निजी स्कूलों की तरफ भले ही पैसे वालों को खींच रही हो, लेकिन इस ग्रामीण इलाके में जिले के हाईटेक प्राइवेट स्कूलों को बेलबनवा स्कूल पीछे छोड़ रहा है.
यहां 436 बच्चे नामांकित हैं. 15 शिक्षकों के कुशल समूह की बदौलत स्कूल की शिक्षा व्यवस्था ने माहौल को बदल दिया है. छात्रों को सुविधा के नाम पर प्रत्येक क्लास में आरओ की बोतल, डस्टबीन, मैट आदि की सुविधाएं उपलब्ध हैं. आमतौर पर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कम शिक्षकों की आपसी रंजिश, एमडीएम को लेकर विवाद, शिक्षा समिति की खींचतान जैसी समस्याएं पढ़ाई को चौपट कर रखी हैं. वहीं, यह विद्यालय अन्य सरकारी स्कूलों के लिए आइडियल बना हुआ है.
बेलबनवा मध्य विद्यालय में फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं छात्र
डीएम ने स्मार्ट क्लासेज का किया था शुभारंभ
बेलबनवा उत्क्रमित मध्य विद्यालय में 17 अप्रैल, 2018 को तत्कालीन डीएम ने स्मार्ट क्लासेज का उद्घाटन किया था. स्मार्ट क्लासेज में लगभग 200 छात्रों का नामांकन है. छात्रों को डिजिटल शिक्षा मिल रही है. विद्यालय में बच्चों के लिए लाइब्रेरी का भी इंतजाम किया गया है.
प्रत्येक कमरे में पंखा और एक बड़ा टेबल लगाया गया है.
अब स्कूल बस चलाने की तैयारी
इस स्कूल में एक से दो किमी दूर तक के छात्र पढ़ने आते हैं. हाईवे के किनारे स्कूल होने के कारण छात्रों में हादसे का भय बना रहता है. इसे ध्यान में रखते हुए स्कूल बस चलाने की तैयारी की जा रही है.
स्कूल के हेडमास्टर विनय कुमार का कहना है कि प्रबुद्ध लोगों से सहयोग लेकर शिक्षक दिवस के दिन स्कूल की एक बस बच्चों के लिए नि:शुल्क सेवा के रूप में उपलब्ध कराने की तैयारी अंतिम रूप में है. बस खरीदने और उसके संचालन के लिए स्कूल के शिक्षा समिति के सदस्य व कुछ इलाके के प्रबुद्ध लोगों की कमेटी बनायी गयी है
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