बरौली (गोपालगंज) : सरकारी तंत्र की गलतियों का खामियाजा आम लोगों पर भारी पड़ रहा है. बरौली में ऐसा ही मामला सामने आया है. आवेदन किया गया था मृत्यु प्रमाणपत्र का, लेकिन बनाकर दे दिया जन्म प्रमाणपत्र. प्रमाणपत्र बनवाने के लिए परिजनों को कार्यालयों में 11 बार चक्कर भी लगाने पड़े थे. दो वर्ष बाद जब बैंक ने बताया कि मृत्यु प्रमाणपत्र के बदले जन्म प्रमाणपत्र जमा कराया है तो उनके होश उड़ गये. अधिकारियों की इस चूक का खामियाजा हलुआर तिवारी टोला के अभिनंदन तिवारी पर भारी पड़ रहा है. हलुआर के बच्चा तिवारी की मृत्यु सात जनवरी, 2016 को हो गयी थी.
उनके बेटे अभिनंदन तिवारी ने पंचायत कार्यालय में मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए आवेदन दिया़ पति की मृत्यु के बाद पत्नी चंद्रावती देवी की तबीयत खराब हुई और लंबे इलाज के बाद उनकी भी मृत्यु हो गयी़ इस बीच बच्चा तिवारी का मृत्यु प्रमाणपत्र 12 जनवरी, 2016 को पंचायत कार्यालय ने निर्गत कर दिया था़ माता-पिता की मृत्यु के बाद पंचायत कार्यालय से मिले प्रमाणपत्र के साथ खाते के रुपयों के हस्तांतरण को लेकर जब अभिनंदन तिवारी अगस्त, 2018 में बैंक गये तो वहां पता चला कि उनको मृत्यु के बदले जन्म प्रमाणपत्र थमा दिया गया है़ उनका पूरा परिवार पंजाब के लुधियाना में रहता है.