गोपालगंज : सऊदी अरब की एक कंपनी ने मजदूरी करने गयेबिहारके गोपालगंज, मोतिहारी व सीवान के करीब 12 युवकों को बंधक बना लिया है. उन्हें बंधक बनाकर कैंप में रखा गया है. यहां बंधक बने युवक कैदियों जैसा जीवन जीने को मजबूर हैं. इन्हीं युवकों में से एक हैगोपालगंज जिले के थावे थाना क्षेत्र के गजाधर टोला गांव के स्व. मदन साह का पुत्र शंभू साह. उसके विदेश में बंधक बनाये जाने की जानकारी जब से परिजनों को हुई है, वे परेशान हैं.
पत्नी फूलकुमारी देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. उसने बताया कि उसके पति करीब दो वर्ष पहले सऊदी अरब की कंपनी जे एंड पी लिमिटेड में काम करने गये थे. वहां उसके पति और अन्य साथियों को रियाद के कुबड़ी के पास कैंप में रखा गया. कुछ दिनों तक सबकुछ ठीक रहा, लेकिन मार्च 2018 से कंपनी ने सैलरी देना बंद कर दिया. आज करीब सात माह से बिना तनख्वाह के उसके पति व पड़ोसी जिले सीवान के युवक भी फंसे हैं. फूलकुमारी देवी ने बताया कि पति से इमो के जरिये बात होती है. बातचीत में जानकारी हुई कि उनका पासपोर्ट भी कंपनी ने जब्त कर लिया है.
वहीं, हाकामा भी छह माह से खत्म हो चुका है. कैंप से बाहर निकलना मुश्किल है. कंपनी सिर्फ खाना दे रही है, जबकि अन्य सामान जैसे साबुन, सर्फ आदि भी खरीदने के लिए उन युवकों के पास पैसे नहीं हैं. शंभू साह के साथ कैंप में सीवान जिले के मुसेहरी गांव के शिवानंद गिरि के पुत्र बसावन गिरि, बड़हरिया थाने के कैलगढ़ के जगदीश प्रसाद के पुत्र प्रदीप प्रसाद, बासोपाली के ब्रह्मदेव के पुत्र अशोक कुमार, बघुआरा के दुर्गा साह के पुत्र सुदर्शन साह, माधोमटिहानी के लालबिहारी प्रसाद के पुत्र मनोज प्रसाद, गोपालगंज के दानापुर के सुरेश महतो के पुत्र दिनेश महतो, बरौली के छठु भगत के पुत्र मुन्ना कुमार, मोतिहारी के कोटवां के धनई राम का पुत्र उगम राम फंसे हुए हैं. फुलकुमारी देवी के साथ पुत्र राहुल, सचिन व पुत्री खुशबू भी अपने पिता की स्वदेश वापसी के लिए टकटकी लगाये हैं.
विदेश में फंसे लोगों को मिलेगी सहायता
विदेश में जो भी युवा, मजदूर, कामगार फंसे हैं, उनको मुक्त करने के लिए प्रशासन के स्तर पर विदेश मंत्रालय और गृह विभाग को लिखकर सहयोग किया जायेगा. विदेश विभाग तत्काल पहल कर उन्हें स्वदेश लौटाने का काम करेगा. पीड़ित परिजनों की तरफ से आवेदन आने का इंतजार किया जा रहा. (अनिमेष कुमार पराशर, डीएम, गोपालगंज)