गौतम साह ने अखबार से जुड़‍कर जिंदगी में पाया मुकाम

गोपालगंज : गौतम साह की जिंदगी में आज अखबार अहम हिस्सा बन चुका है. 55 साल पहले शुरू किये इस कारोबार से आज परिवार को बेहतर मुकाम दिलाया है. गौतम साह बताते हैं कि बचपन के दिनों में दरभंगा महाराज का पेपर आता था. उस समय आठ पैसा दाम था. हिंदी में आर्यावर्त, अंग्रेजी में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2019 7:54 AM

गोपालगंज : गौतम साह की जिंदगी में आज अखबार अहम हिस्सा बन चुका है. 55 साल पहले शुरू किये इस कारोबार से आज परिवार को बेहतर मुकाम दिलाया है. गौतम साह बताते हैं कि बचपन के दिनों में दरभंगा महाराज का पेपर आता था. उस समय आठ पैसा दाम था. हिंदी में आर्यावर्त, अंग्रेजी में इंडियन नेशन, सर्च लाइट नाम के पेपर आते थे.

हॉकर का काम अधिकांश लोग नहीं करना चाहते थे, क्योंकि अखबार बांटने के लिए कोई साधन नहीं था. पैदल ही अखबार बांटना पड़ता था. मैंने दृढ़इच्छा शक्ति और पूरे लगन से हॉकर का काम शुरू किया. आज उसी मेहनत ने इस मुकाम तक पहुंचाया. अब गौतम इस कारोबार में अकेले नहीं हैं, इनके साथ इनके बेटे और पड़ोसी भी इस कारोबार में जुड़ चुके हैं.
अखबार के साथ-साथ कई पुस्तक, मैगजीन, कलम की एजेंसियां इनके पास हैं. गौतम साह बताते हैं कि कचहरी गेट के पास ही मंडल कारा था. जेल से लेकर डीएम-एसपी के कार्यालय में अखबार पहुंचाता था. प्रतिष्ठा के साथ-साथ कामयाबी भी जीवन में मिलती गयी.
सुबह के साथी अखबार बेचकर परिवार को दिलाया बेहतर मुकाम
20 साल की उम्र से शुरू किया था कारोबार, हॉकर बनकर परिवार को बेहतर जिंदगी देने में रहे कामयाब
आज बड़ा बेटा बंटाता है हाथ
आज कारोबार काफी बढ़ गया है. गौतम प्रसाद के बड़े बेटे नीरज कुमार हाथ बंटाते हैं. नीरज बताते हैं कि इस कारोबार के बदौलत भरा-पूरा परिवार का खर्च चलता है. वहीं एक पुत्र शाहिल कुमार कोटा में रहकर मेडिकल की तैयारी भी कर रहा है.

Next Article

Exit mobile version