चेचक से एक युवक की मौत, 50 बीमार, पहुंची टीम
बरौली (गोपालगंज) : गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड के सिसई गांव में चेचक से एक युवक की मौत हो गयी, वहीं पचास से अधिक लोग चेचक से पीड़ित हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर चेचक से युवक की हुई मौत ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी. बताया गया […]
बरौली (गोपालगंज) : गोपालगंज जिले के बरौली प्रखंड के सिसई गांव में चेचक से एक युवक की मौत हो गयी, वहीं पचास से अधिक लोग चेचक से पीड़ित हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से महज पांच सौ मीटर की दूरी पर चेचक से युवक की हुई मौत ने स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल दी. बताया गया है कि सिसईं के तुरहा टोली में तीन महीने पूर्व चेचक ने अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया था.
मंगलवार की रात सिसई के शिवदत साह के बेटे मुन्नीलाल साह की मौत इस बीमारी से हो गयी. मौत के बाद परिजनों में जहां चीत्कार मचा है, वहीं तीन दर्जन से अधिक परिवार अनहोनी से भय में हैं. युवक की मौत के बाद सिविल सर्जन डॉ नंदकिशोर सिंह के निर्देश पर मेडिकल टीम गांव में पहुंची. टीम ने एक-एक पीड़ितों का इलाज शुरू कर दिया है.
इस मोहल्ले में खोजने से शायद ही कोई परिवार मिले, जिनके यहां चेचक का रोगी न हो. ग्रामीणों ने बताया कि परिवार में कुछ लोग इस बीमारी से ठीक होते हैं, तो दूसरे लोग पीड़ित हो जाते हैं और ये सिलसिला महीनों से चल रहा है.
उक्त मुहल्ले में इंद्रजीत साह, मिथलेश कुमार, रेखा कुमारी, कमलेश कुमार, गुलशन कुमार, नितेश कुमार, करिश्मा कुमारी, गुनगुन कुमारी, खुर्दुनी कुमार, प्रिंस कुमार, सुशीला कुमारी, किरण कुमारी, राजन कुमार, निर्मला देवी, सुमन कुमारी, कृष्णा कुमार, श्रवण कुमार, संजय कुमार, करीना कुमारी, ध्यांति देवी सहित अन्य दर्जनों बच्चे तथा महिलाएं चेचक से पीड़ित हैं.
स्वास्थ्य विभाग की मानें तो चेचक या चिकन पॉक्स केवल बच्चों को होता है, लेकिन मुहल्ले में इस बीमारी से बुजुर्ग भी ग्रसित हैं. युवक की मौत से तुरहा टोली के लोग दहशत में हैं. वहीं, वार्ड सदस्य प्रतिनिधि कृष्णा बैठा ने युवक के अंत्येष्टि के लिए मद से राशि दी.
क्या कहते हैं सीएस
स्वास्थ्य टीम गांव में कैंप कर रही है. एक-एक मरीजों की इलाज की जा रही है. इलाज में किसी भी स्तर से कमी नहीं रखी जायेगी. चेचक को लेकर सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है.
डॉ नंदकिशोर सिंह,
सिविल सर्जन, गोपालगंज
हर परिवार में लोग बीमार, पहले भी हो चुकी है मौत
बरौली .बरौली में चेचक से मौत की घटना एक दशक बाद हुई है. नगर पंचायत के वार्ड नंबर पांच सिसई गांव का तूरहा टोली इस बीमारी से त्रस्त है. युवक की मौत के बाद ग्रामीण इसका आरोप स्वास्थ्य केंद्र बरौली पर लगा रहे हैं. स्वास्थ्य केंद्र बरौली के नजदीक बसे गांव में विभाग यदि लोगों को जागरूक किया होता, तो शायद यह घटना न होती.
ग्रामीणों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को इस बीमारी की जानकारी पहले ही दे दी गयी, लेकिन विभाग ने इसे नजरअंदाज कर दिया. आज हर परिवार के सदस्य चेचक से बीमार हैं. युवक की मौत के बाद भी टीम तब पहुंची, जब सीएस से ग्रामीणों ने बात की. सीएस के निर्देश पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरौली के डॉ विजय पासवान के नेतृत्व में मेडिकल टीम बस्ती में पहुंच कर सलाह दे रही है.
प्रभात खबर ने पहले ही किया था आगाह
प्रभात खबर ने 26 अप्रैल के अंक में ‘चेचक व डायरिया का बढ़ा प्रकोप, बीमार हो रहे लोग’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर स्वास्थ्य विभाग को आगाह किया था. विभाग को आगाह करने के बाद भी चेचक प्रभावित इलाकों में मेडिकल टीम नहीं भेजी गयी, जिसके कारण बरौली के सिसई में एक युवक की मौत हो गयी.
देवी का प्रकोप समझकर नहीं कराते इलाज
चेचक को लेकर आज भी ग्रामीण आस्था और अंधविश्वास के बीच अटके हैं. मेडिकल टीम के डॉ विजय पासवान कहते हैं कि आज भी लोग इस बीमारी को देवी का प्रकोप समझ कर घर के दरवाजे के पास आग जलाते हैं.
नीम का पत्ता दरवाजे पर लगाते हैं. कोई भी दवा नहीं इस्तेमाल करना चाहते, जिसके कारण गांव में इस बीमारी का इलाज करना थोड़ा कठिन होता है, पर मेडिकल टीम के द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
चेचक के लक्षण
अगर चेचक रोग हो तो प्यास ज्यादा लगती है और पूरे शरीर में दर्द होने लगता है. इसमें बुखार होने के साथ शरीर का तापमान बढ़ जाता है और हृदय की गति भी तेज होने लगती है. धीरे-धीरे शरीर पर लाल रंग के दाने निकलने लगते हैं, जो पकने के बाद सूख जाते हैं, लेकिन शरीर पर दाग रह जाते हैं. तेज बुखार, थकान, भूख न लगना, सिरदर्द, फूंसी होना इसके लक्षण हैं.
बचाव के उपाय
डॉक्टरों के मुताबिक किसी भी तरह का चेचक होने का सबसे प्रमुख कारण शरीर में दूषित द्रव्य का जमा हो जाना है. यह एक संक्रामक रोग है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को भी हो जाता है. यह रोग गंदगी तथा गंदे पदार्थों का सेवन करने से होता है.
चेचक संक्रामक बीमारी है़ डरने की जरूरत नहीं है़ यह किसी देवी-देवता के प्रकोप का भी प्रभाव नहीं है़ शरीर व कपड़ों को साफ-सुथरा रखें, घरों को भी साफ रखें. किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर तुरंत अस्पताल से संपर्क करें.
डॉ विकास गुप्ता
तुरहा टोली में डॉक्टरों की टीम गयी थी. रोगियों की जांच की गयी तथा दवा भी दी गयी है. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. विभाग बीमारी के किसी भी स्थिति से निबटने को तैयार हैं.
डॉ टीएन सिंह, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, पीएचसी बरौली