फेडरल मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च, जर्मनी सरकार की ओर से प्रतीक्षा का किया गया चयन
पंचदेवरी (गोपालगंज) : ग्रामीण क्षेत्र की बेटी पूरी दुनिया में पर्यावरण की चुनौतियों से जूझ रहे मानव जीवन को नयी दिशा देने में लगी है. इसका नाम दुनिया के उन युवा वैज्ञानिकों में शामिल हो चुका है, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण व हरित क्षेत्र में विशेष योगदान दिया है.
गोपालगंज जिले के पंचदेवरी के डॉ हरेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ हरि बाबू की बेटी प्रतीक्षा श्रीवास्तव का चयन जर्मनी सरकार के फेडरल मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन एंड रिसर्च की ओर से पर्यावरण संरक्षण, जल संसाधन, ऊर्जा व हरित क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए किया गया है.
इसके लिए विभिन्न देशों से 50 युवा वैज्ञानिकों का चयन जर्मनी सरकार ने किया है, जिनमें प्रतीक्षा भी शामिल है. युवा वैज्ञानिकों की यह टीम हरित क्षेत्र व पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी विभिन्न प्रोजेक्टों पर काम करेगी. प्रतीक्षा ने नाइट्रोजन चक्र में विशेष रिसर्च किया है. उसने चालक पदार्थ की उपस्थिति और ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में अमोनियम का ऑक्सीकरण कराने का तरीका खोज निकाला है. ऑक्सीजन के बचाव के लिए यह एक बड़ी खोज है.
गांव से ही प्रतीक्षा ने ली थी प्रारंभिक शिक्षा
प्रतीक्षा की प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही शुरू हुई. विमल मांटेसरी इंटर कॉलेज, गोरखपुर से मैट्रिक व इंटर की पढ़ाई करने के बाद उसने ज्योति विद्यापीठ महिला विश्वविद्यालय, जयपुर से बायोटेक्नोलॉजी से बीटेक व एमटेक की डिग्री हासिल की. 2014 में एमटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने आइआइएमटी (इएसआइआर) भुवनेश्वर में वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट की प्रोजेक्ट पर काम किया. वर्तमान में वह ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही है.
ग्रीन टैलेंट अवार्ड 2017 से सम्मानित हो चुकी हैं प्रतीक्षा श्रीवास्तव
प्रतीक्षा को जर्मनी सरकार ने 27 अक्तूबर, 2017 को ग्रीन टैलेंट अवार्ड-2017 से सम्मानित किया था. इस अवार्ड के लिए हरित व पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले दुनिया के 21 देशों से 25 युवा वैज्ञानिकों का चयन किया गया था. जल संसाधन रिसर्चर के रूप में वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट को लेकर उसको यह अवार्ड मिला था. आज वह वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट सहित हरित क्षेत्र व पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी कई प्रोजेक्टों पर काम कर रही है. प्रतीक्षा को भारत सरकार व नीदरलैंड सरकार से प्रतिष्ठित एनएफपी फैलोशिप भी मिला है़