आज बजेंगी मेरे नाम की शहनाइयां, मैं हूं थावे महोत्सव
प्रमोद तिवारी, गोपालगंज : मैं थावे महोत्सव हूं. आज मेरे नाम की शहनाइयां बजेंगी. दो दिन नामचीन फनकार अपने फन से मेरे नाम की चर्चा करेंगे. मौका होगा मेरे जन्म दिन का. आज से ठीक आठ साल पूर्व मां सिंहासनी के गर्भ से मैं प्रफुल्लित हुआ. वैसे तो मेरी सालगिरह चैत नवरात्र में मनायी जाती […]
प्रमोद तिवारी, गोपालगंज : मैं थावे महोत्सव हूं. आज मेरे नाम की शहनाइयां बजेंगी. दो दिन नामचीन फनकार अपने फन से मेरे नाम की चर्चा करेंगे. मौका होगा मेरे जन्म दिन का. आज से ठीक आठ साल पूर्व मां सिंहासनी के गर्भ से मैं प्रफुल्लित हुआ. वैसे तो मेरी सालगिरह चैत नवरात्र में मनायी जाती है, लेकिन इस बार मुझे भी भारतीय संविधान के तहत चुनाव आचार संहिता में बांध दिया गया. अब मैं धीरे-धीरे किशोरावस्था की ओर अग्रसर हूं. मैं भी धीरे-धीरे ही सही, लेकिन अपने नाम के साथ राजनीति और प्रशासनिक बातों को समझ रहा हूं.
बीती सालगिरह की बातों को आप याद करें तो मेरे जन्मदिन पर जिले के हर नागरिक की ओर से एक शोर उभरती थी, मेरे नाम की. अपनी माता की तरह मैं भी हर दिल की धड़कन बनने का सपने देखने लगा, लेकिन मेरी सालगिरह की तिथि बदलने के साथ ही मेरी याद कम होने लगी है और मेरा यह उत्सव चंद लोगों तक सिमट कर रह गया है.
2012 से लेकर बीते साल तक महोत्सव के नाम पर कई कार्यक्रम हुए. एक बार फिर अनूप जलोटा अपनी तान थावे में छेड़ने वाले हैं. इन आठ सालों में महोत्सव में कई रंग बिखरे. भोजपुरी की तान से लेकर रॉक और पॉप का रंग भी महोत्सव पर चढ़ा. इस बार भी जोरदार तैयारी की गयी है, लेकिन इस तैयारी और होने वाले कार्यक्रम में गोपालगंज अब तक कहीं नजर नहीं आ रहा है.
उम्मीद थी कि महोत्सव की बढ़ती उम्र के साथ गोपालगंज का इतिहास, गाथाएं, धरोहर राज्य से लेकर देश स्तर तक पहुंचेगी, लेकिन इसकी कमी मैं देख रहा हूं. अब आधुनिकता के रंग के बीच मेरे लिये तो यही खुशी की बात है कि कम-से-कम मेरी सालगिरह मनायी जा रही है. मैं सिंहासनी का बेटा हूं. सबके बावजूद, मां की तरह मेरी भी यही मंगलकामना है कि गोपालगंज और थावे की धरती बुलंदी को छुए, ताकि इसकी पहचान विश्व स्तर पर हो. कल्याणं अस्तु.
निमंत्रण कार्ड पर छपी निजी होटल की तस्वीर बनी चर्चा का विषय
थावे महोत्सव के लिए जिला प्रशासन की ओर से निमंत्रण कार्ड छपवाया गया है. कार्ड पर थावे के एक होटल की छपी तस्वीर चर्चा का विषय बनी है. सवाल यह है कि पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित महोत्सव में कार्ड को लेकर हर ओर सवाल उठाया जा रहा है. हालांकि प्रशासन के अधिकारी इस मामले में कुछ भी बताने पर परहेज कर रहे हैं.
राष्ट्रगान से होगा कार्यक्रम का आगाज
3.00 बजे महोत्सव का होगा उद्घाटन
5 से 5.45 बजे मगध संगीत संस्थान की प्रस्तुति
5.45 से 6.15 बजे असम की बिहू नृत्य
6.15 से 7.00 बजे तक मिरिणाली अखौरी का सुगम संगीत
7.00 से 8.30 बजे तक अमर आनंद भोजपुरी गायन
8.30 बजे से 10 बजे तक भोजपुरी गायिका देवी की प्रस्तुति
2 अक्तूबर को इनकी होगी प्रस्तुति
5.00 बजे से नालंदा संगीत कला संस्थान प्रस्तुति
6.00 से 6.30 तक लवण्या राज कथक नृत्य
6.30 से 8.30 बजे तक भजन सम्राट अनूप जलोटा
8.30 से 10.00 बजे तक मथुरा के पं मुरारी लाल तिवारी, गिरिजा कला सांस्कृतिक कला समिति की प्रस्तुति