15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ऑनलाइन फ्रॉड करनेवाले गिरोह के सरगनाओं संग राजद पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रवक्ता लखनऊ में गिरफ्तार

गोपालगंज : नौकरी का झांसा देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन फ्रॉड करनेवाले गैंग के दो सरगनाओं के साथ राजद पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रवक्ता प्रदीप देव को यूपी के एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. आरोपित क्रिस्टो करेंसी और बिट क्वाइन के जरिये विदेशों में ठगी के रुपये भेजते थे. आरोपितों के पास से अलग-अलग बैंकों […]

गोपालगंज : नौकरी का झांसा देकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन फ्रॉड करनेवाले गैंग के दो सरगनाओं के साथ राजद पिछड़ा प्रकोष्ठ के पूर्व प्रवक्ता प्रदीप देव को यूपी के एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. आरोपित क्रिस्टो करेंसी और बिट क्वाइन के जरिये विदेशों में ठगी के रुपये भेजते थे. आरोपितों के पास से अलग-अलग बैंकों के 16 एटीएम कार्ड बरामद किये गये हैं. एसटीएफ ने लखनऊ के कमता तिराहे से तीनों को घेराबंदी कर दबोच लिया. यूपी एसटीएफ की टीम बिहार व यूपी में फैले गैंग के सदस्यों की कुंडली तैयार करने में जुटी है.

एसटीएफ को भरोसा है कि यह गैंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला है. एएसपी एसटीएफ सत्यसेन यादव की मानें तो गिरोह के स्थानीय लोग विभिन्न बैंकों में फर्जी खाते खुलवाते हैं. इन्हीं खातों में नौकरी के नाम पर लोगों से मोटी रकम जमा करायी जाती है. फर्जी खाता खुलवाने वाले व्यक्ति को भी 12 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है. पड़ताल में अधिकतर स्कैमर का लोकेशन कैमरून, दुबई, यूरोप व यूएसए समेत अन्य देशों में मिला है. ठगों ने नौकरी के नाम पर आस्ट्रेलिया, दुबई व यूरोप के अन्य देशों के नागरिकों से भी ठगी की है.

पटना में बैठकर चलाते थे अपना नेटवर्क

पकड़े गये आरोपितों में नगर थाने के मानिकपुर गांव के श्रीराम साह का पुत्र प्रदीप देव वर्तमान में वृंदावन गार्डेन, आशियाना दीघा रोड पटना में रहता था, जबकि गैंग का सरगना सारण जिले के मढ़ौरा गांव के नेथुवा के रहनेवाले सिया शरण सिंह के पुत्र राकेश कुमार सिंह उर्फ पिंटू, जो मकान नंबर सी-475 शांति वाटिका मजिस्ट्रेट कॉलोनी, आशियाना पटना में रहकर गैंग को चला रहा था. वहीं, तीसरा गोपालगंज जिले के हथुआ थाने के रूपनचक के अमर चौधरी का पुत्र बिट्टू यादव है. पुलिस ने इनके पास से 21 हजार तीन सौ रुपये भी बरामद किये हैं.

ठगों ने बनाये थे फर्जी जॉब पोर्टल

एसएसपी एसटीएफ राजीव नारायण मिश्र के मुताबिक, सोशल मीडिया पर विदेशों में नौकरी का विज्ञापन देकर लोगों से ठगी की जानकारी मिली थी. आरोपित विभिन्न बैंकों में खाते खोलकर लोगों से रुपये जमा करवाते थे. इसके लिए ठगों ने फर्जी जॉब पोर्टल बनाये थे. बेरोजगारों से रुपये लेने के बाद उसे बिट क्वाइन के रूप में एजेंट के माध्यम से रुपये भिजवाते थे.

लोगों को फंसा कर ऐसे करते थे फर्जीवाड़ा

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विदेश में नौकरी के इच्छुक लोगों को फर्जी जॉब पोर्टल चलाने वाले ठग (स्कैमर) गिरोह के स्थानीय सदस्यों (पिकर) से संपर्क कराते हैं. नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे रुपये लिये जाते हैं, जिसे पिकर भारत के विभिन्न खातों में जमा कराते हैं. इसके बाद पिकर अपना कमीशन लेकर शेष राशि बिट क्वाइन वेंडर को दे देता है, जो विदेश में बैठे स्कैमर को बिट क्वाइन में रुपये भेज देता है. इसके लिए वेंडर भी अपना कमीशन लेता है.

व्हाट्सएप चैट से युवाओं को फंसाते थे ‘स्कैमर’
फर्जी वेब पोर्टल चलाने वाले को साइबर की भाषा में ‘स्कैमर’ नाम से पुकारते हैं. ‘स्कैमर’ विदेशों में नौकरी पाने के इच्छुक युवाओं को फांस कर भारत में बैठे गैंग के सदस्य जिसको साइबर की भाषा में ‘पिकर’ कहते हैं, उसके खाते में राशि उपलब्ध करायी जाती है. एसटीएफ अब पूरे गिरोह की तलाश में जुटा है. गैंग के कई लोग फिलहाल भूमिगत बताये जा रहे हैं. गोपालगंज के पुलिस कप्तान मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि स्थानीय स्तर पर इस गैंग के कारनामों को खंगाला जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें